khaskhabar/उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार निर्माण श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर पर मुफ्त शिक्षा देगी। भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र की इस घोषणा को श्रम विभाग ने अगले छह माह के दौरान अमली जामा पहनाने की कार्ययोजना में शामिल किया है। प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को इसका लाभ दिया जाएगा। बोर्ड में अभी 1.43 करोड़ निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं जिनमें से 1.12 करोड़ श्रमिकों का पंजीकरण नवीनीकृत है।

अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा
निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा देने के लिए योगी सरकार सभी मंडल मुख्यालयों में अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण करा रही है।निर्माण श्रमिकों के बच्चों को अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेष दिया जाएगा। बच्चों को यूपी अटल रेजीडेंशियल स्कूल स्कीम के तहत कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा।
शिक्षा लाभार्थी बच्चों को योजना के तहत निःशुल्क दी जाएगी
11 से 18 वर्ष तक के बच्चों को कक्षा 12 तक की मुफ्त शिक्षा भी दिलाई जाएगी।इसके अलावा 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष की आयु तक के सभी श्रमिकों के बच्चों को गुणवक्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिक, जूनियर, हाई स्कूल एवं माध्यमिक तक की शिक्षा लाभार्थी बच्चों को योजना के तहत निःशुल्क दी जाएगी।निर्माण श्रमिकों को एक लाख रुपये तक का कोलेट्रल फ्री ऋण उपलब्ध कराने के लिए उन्हें श्रमिक क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश को कारोबारी सुगमता (ईज आफ डूइंग बिजनेस) में देश में दूसरा स्थान हासिल हुआ
श्रम विभाग राज्य परामर्शदात्री समिति के परामर्श और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन्स कारपोरेशन के तकनीकी सहयोग से श्रमिक बस्तियों की समस्याओं के समाधान के लिए रीडेवलपमेंट प्लान बनाएगा।उत्तर प्रदेश को कारोबारी सुगमता (ईज आफ डूइंग बिजनेस) में देश में दूसरा स्थान हासिल हुआ है।
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श्रम विभाग से संबंधित सिफारिशों को छह माह में लागू करने का इरादा
सूबे को कारोबारी सुगमता में पहला स्थान दिलाने के लिए केंद्र सरकार के बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान-2022 की श्रम विभाग से संबंधित सिफारिशों को छह माह में लागू करने का इरादा है। ईज आफ लिविंग के तहत 35 आनलाइन सेवाओं को सात सेवाओं में समाहित किया जाएगा। कारखानों की मानचित्र स्वीकृति और लाइसेंस की व्यवस्था को आनलाइन किया जाएगा।
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