Khaskhabar/ तालिबान को अफगानिस्तान की सरकार के रूप में मान्यता देने की हमारी कोई योजना नहीं है। वे कनाडा के कानून के तहत एक मान्यता प्राप्त आतंकवादी संगठन हैं। अभी हमारा ध्यान अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने पर है और हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए लोगों की मुफ्त पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

एक निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार को बलपूर्वक बदल दिया
अफगानिस्तान के मुद्दे पर खुलकर बोलते हुए कनाडा के पीएम ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने (तालिबान) सत्ता संभाली है और एक निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार को बलपूर्वक बदल दिया है। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चिंता जाहिर की है। ट्रूडो ने अफगानिस्तान की नई तालिबानी सरकार को स्वीकार करने से मना कर दिया है।
तालिबान ने अफगान सरकार पर अपनी जीत की घोषणा कर दी
बता दें कि रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़ने के तुरंत बाद तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया और राष्ट्रपति महल पर नियंत्रण हासिल कर लिया। तालिबान ने अफगान सरकार पर अपनी जीत की घोषणा कर दी। इसके बाद से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भय का माहौल हो गया और लोग देश छोड़ने के लिए एयरपोर्ट की तरफ दौड़ पड़े।
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कनाडा ने तालिबान को देश की सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी
उन्होंने यह भी कहा कि 20 साल पहले जब आतंकवादी समूह ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल कर लिया था, उस समय भी कनाडा ने तालिबान को देश की सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी थी।गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के रवैये पर संयु्क्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने भी चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि मैं सभी पक्षों खासकर तालिबान से गुजारिश करता हूं कि वे लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए संयम बरतें और मानवीय जरूरतों को पूरा करना सुनिश्चित करें।