Khaskhabar/फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्माता विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी रविवार को शहर में थे। गोमती नगर के एक होटल में संवाद के दौरान विवेक अग्निहोत्री ने कई सवालों का सामना करते हुए कहा कि ‘कश्मीर एक व्यवसाय है, इस फिल्म से बहुत सारे लोगों की दुकानें बंद हो रहीं, इसलिए विवाद पैदा करने की कोशिश हो रही।

यह बात आज विश्व के सारे देश और समाज फिल्म देखकर समझ रहे
मैंने जिस मकसद से फिल्म बनाई वह पूरा हो रहा।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘फिल्म बिना कोई भाषण दिए, बस यह दिखाती है कि जब आतंकवाद किसी सोसाइटी के अंदर घुसने लगता है और उसको कुछ लोग बौद्धिक संरक्षण देने लगते हैं तो किस तरह से समाज का विनाश होता है। यह बात आज विश्व के सारे देश और समाज फिल्म देखकर समझ रहे।’इसी दौरान विवेक अग्निहोत्री ने अचानक प्रिंट मीडिया पर टिप्पणी कर दी।
प्रिंट मीडिया में आई, वहां की सत्य घटनाओं को किसने बताया
उन्होंने कहा कि ‘कश्मीर को लेकर विशेषकर प्रिंट मीडिया ने जो झूठ फैलाया था, वह सामने आ रहा तो जो लोग झूठ फैलाते थे, वह तिलमिला रहे।’ वह यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा- ‘1990 की वह घटना भारत की किस प्रिंट मीडिया में आई, वहां की सत्य घटनाओं को किसने बताया?’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘जब कोई चीज बहुत चलने लगती है तो उसमें नेता और मीडियावाले कूद जाते हैं। आम आदमी विवाद नहीं करता है।
आतंकवाद के खिलाफ क्या विवाद हो सकता है
कई नेता बिना बात का भ्रम पैदा करने की कोशिश करते हैं, उसमें कई बार लोग उत्तेजित हो जाते हैं और रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘विवाद तो मीडिया और राजनेताओं के बीच में चल रहा। आतंकवाद के खिलाफ क्या विवाद हो सकता है।’ इसी बीच बात इतनी बढ़ी कि प्रेस कांफ्रेंस बीच में ही रोकनी पड़ी। वहीं, एक साथ कई सवालों और आरोपों से भी विवेक और पल्लवी कुछ असहज हुए और उठकर चले गए।
एक तरफ मानवतावादी लोग हैं, जो अहिंसा में विश्वास रखते हैं
इससे पहले विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि ‘विश्व दो लोगों में बंटा है- राम और रावण, सत्य और अस्त्य। एक तरफ मानवतावादी लोग हैं, जो अहिंसा में विश्वास रखते हैं। दूसरा वर्ग जो बंदूकें उठा के लोगों को मारता है। उनके साथ व्यवसाय और बौद्धिक सहारा देने वाले लोग होते हैं। यह दुनिया एक तरह से मानवतावादी और आतंकवादी लोगों में बंटी है।
पल्लवी जोशी ने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के लिए चार साल रिसर्च किया
मानवतावादी लोग लाइन में लगकर फिल्म देख रहे और रो-रो के बाहर आ रहे और आतंकवाद वाले फिल्म नहीं देख रहे, बाहर बैठ के रो रहे कि ये फिल्म क्यों देखी जा रही।’एक सवाल के जवाब में पल्लवी जोशी ने कहा कि ‘इस फिल्म के लिए चार साल रिसर्च किया। हमें तो पता ही नहीं था कि फिल्म इस तरह से चलेगी।
यह भी पढ़े —लक्ष्मणझूला के निकट घाट पर हुआ हादसा,परिवार के सामने ही गंगा की लहरों में खो गया गुजरात का युवक
एक फिल्म ने पूरी तरह से एक नई इंडस्ट्री खड़ी कर दी
फिल्म में शत प्रतिशत सत्य दिखाया गया है। विवेक ने कहा कि यह भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है कि इस एक फिल्म ने पूरी तरह से एक नई इंडस्ट्री खड़ी कर दी है। फिल्म चलने के मानक बदल दिए हैं। फिल्म की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि सिर्फ स्टार के भरोसे आप कुछ भी ऊटपटांग कहानी नहीं दिखा सकते।’
और ज्यादा खबरे पढ़ने और जानने के लिए ,अब आप हमे सोशल मीडिया पर भी फॉलो कर सकते है –
ट्विटर पर फॉलो करने के लिए टाइप करे – @khas_khabar एवं न्यूज़ पढ़ने के लिए #khas_khabar फेसबुक पर फॉलो करने के लाइव आप हमारे पेज @socialkhabarlive को फॉलो कर सकते है|