Khaskhabar/उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गंगा घाट से इस सदी की सबसे भयावह तस्वीरें सामने आईं हैं। हालात 1918 के स्पैनिश फ्लू से भी बदतर हैं। उन्नाव के बक्सर में गंगा किनारे महज 500 मीटर में अनगिनत लाशें दफन हैं। दफन भी ऐसी कि किसी लाश का हाथ तो किसी का पांव कुत्ते नोच रहे हैं। चारों तरफ मानव अंग बिखरे पड़े हैं। इन तस्वीरों को दिखाकर हमारा मकसद आपको डराना नहीं है, बल्कि उस सच्चाई से रूबरू कराना है जिसे ‘सिस्टम’ ने अपने आंकड़ों से गायब कर रखा है।

शव खींचकर बस्तियों में ले जा रहे कुत्ते
उन्नाव में बक्सर घाट से कुछ ही दूरी पर बीघापुर में श्यामेंद्र रहते हैं। बताते हैं कि अब हर रोज घाट से लाशों को खींचकर कुत्ते उनके बस्ती तक ले आते हैं। श्यामेंद्र बताते हैं कि पहले सामान्य दिनों में हर दिन 8 से 10 लाशों का ही अंतिम संस्कार होता था, लेकिन अब हर रोज 100 से 150 लाशों को लेकर लोग पहुंचते हैं। कुछ अंतिम संस्कार करते हैं तो ज्यादातर शवों को दफन करके चले जाते हैं।
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पूरा घाट पीपीई किट, मास्क और डेडबॉडी कवर से पटा
गंगा किनारे इस घाट पर जहां तक नजरें जाती है, वहां आपको पीपीई किट, मास्क, डेडबॉडी कवर ही दिखेंगे। यहां उन्नाव के साथ-साथ फतेहपुर जिले के लोग भी शवों का अंतिम संस्कार करने पहुंचते हैं। डीएम रवींद्र कुमार ने दैनिक भास्कर को बताया कि लाशों के दफन करने के मामले में जांच शुरू हो चुकी है। एसडीएम से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। जरूरत पड़ी तो लाशों का फिर से अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
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