Khaskhabar/गुजरात के मेहसाणा में देदीयासण जीआईडीसी स्कूल में वाटर हारर्वेस्टिंग की ऐसी व्यवस्था की गई है, जिससे पानी की समस्या का समाधान हो गया है। यहां एक लाख लीटर क्षमता का बरसाती पानी के संग्रह का अनूठा प्लांट तैयार किया गया है। खास तरीके से पहले चार मटके के आकार की बड़ी टंकी बनाई गईं और उन्हें प्लांट का रूप दिया गया। अब इन टंकियों में स्कूल की छत पर जमा बरसाती पानी संग्रह की व्यवस्था होगी। बारिश का पहला पानी छत की सफाई करते हुए पाइपलाइन के जरिए जमीन के अंदर चला जाएगा।

स्थापित एक टंकी की जल संग्रह क्षमता 25 हजार लीटर
उसके बाद इस्तेमाल करने हेतु यह साफ पानी जाली से स्वच्छ होता हुआ टंकी में जमा होगा। इस प्रकार शिक्षक और विद्यार्थियों दोनों के पीने के पानी की समस्या भी दूर हो जाएगी। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, यहां स्थापित एक टंकी की जल संग्रह क्षमता 25 हजार लीटर है। इस तरह की चार टंकियों के जरिए एक लाख लीटर पानी संग्रह किया जा सकता है।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग पद्धति का सबसे पहले यहीं उपयोग हुआ
” सरदार धाम औद्योगिक क्षेत्र के तक्षशिला स्कूल के शिक्षक परेश प्रजापति ने बताया कि, मेहसाणा में उत्तर गुजरात में रेन वाटर हार्वेस्टिंग पद्धति का सबसे पहले यहीं उपयोग हुआ है। जिसके तहत स्कूल के मैदान में ही टंकी बनाई गईं।मटके के आकार की टंकी को बगैर मेटल के उपयोग से तैयार किया गया है।
सरकार ने जल संग्रहण की व्यवस्था कराई
टंकियों के ऊपर मिट्टी समतल कर इसे खेल के मैदान के रूप में पहले की तरह उपयोग किया जाता है। राज्य में इस साल अच्छी बारिश हुई थी, तो सरकार ने जल संग्रहण की व्यवस्था कराई। बीते साल भी पानी खूब बरसा। बारिश के होने के दौरान नदी व नहर से भी जल संग्रहण किया गया।
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