Khaskhabar/दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के एमडी डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि हां कुल 51 ओमिक्रोन मरीज भर्ती थे, जिनमें से 40 को सफलतापूर्वक छुट्टी दे दी गई है।उन्होंने बताया कि 12-18 वर्ष के बच्चों को अगर कोविड वैक्सीन की डोज़ लग जाएगी तो यह उनके लिए सुरक्षा कवच होगा।कोरोना के बाद अब राजधानी में ओमिक्रोन के मरीजों की संख्या में इजाफा तो हो रहा है मगर वो ठीक भी उसी हिसाब से जल्द हो जा रहे हैं।

अब तक 1-2 बच्चे ही ओमिक्रोन से संक्रमित हुए
संक्रमित मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट, स्टेरॉयड या रेमडेसिविर नहीं देना पड़ रहा है। कुछ मरीज बिना किसी दवा के भी ठीक हो गए हैं।जो कोरोना का नया वेरिएंट है उससे भी बच्चों को खतरा नहीं रहेगा। अब तक 1-2 बच्चे ही ओमिक्रोन से संक्रमित हुए हैं। हमारे अस्पताल में एक बच्चा भर्ती हुआ था।
ज्यादातर विदेश से आए लोग ही ओमिक्रोन से संक्रमित पाए गए
अस्पताल के डाक्टरों के मुताबिक ओमिक्रोन से संक्रमित पाए गए ज्यादातर मरीज टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। ज्यादातर मरीजों ने फाइजर का टीका लिया है। क्योंकि अब तक ज्यादातर विदेश से आए लोग ही ओमिक्रोन से संक्रमित पाए गए हैं। यह भी देखा जा रहा है कि विदेश से बूस्टर डोज लेकर आए कुछ लोग भी ओमिक्रोन से संक्रमित पाए जा रहे हैं।
लोकनायक अस्पताल में अभी तक ओमिक्रोन के सबसे अधिक मरीजों का इलाज हुआ
उधर शनिवार को ओमिक्रोन के 12 नए मामले सामने आए थे। दिल्ली में ओमिक्रोन के कुल मामले 79 हो गए। इनमें से अब तक 30 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है। दिल्ली में लोकनायक अस्पताल में अभी तक ओमिक्रोन के सबसे अधिक मरीजों का इलाज हुआ है। अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि इस अस्पताल में ओमिक्रोन के अब तक 40 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। 28 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है।
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30 प्रतिशत को कोविशील्ड और 10 प्रतिशत मरीजों को कोवैक्सीन या कोई अन्य टीका लगा
अब तक देखें गए सिर्फ तीन मरीजों ने टीके की एक डोज ली है। बाकी सभी मरीज दोनों डोज टीका ले चुके हैं। करीब 60 प्रतिशत मरीजों को फाइजर का टीका लगा है। 30 प्रतिशत को कोविशील्ड और 10 प्रतिशत मरीजों को कोवैक्सीन या कोई अन्य टीका लगा है। दो मरीजों ने विदेश में फाइजर के टीके की बूस्टर डोज भी ली है।