Khaskhabar/हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश हो रही है। पर्यटन स्थल भागसू नाग में कई वाहन बह गए हैं। मंडी पठानकोट हाईवे पर राजोल में गज खड्ड पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पुलिस तैनात कर दी गई है व वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी है। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। कुछ वाहन चालक वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं। लेकिन संपर्क मार्गों पर ल्हासे गिरने से आवाजाही मुश्किल हो गई है।

मांझी खड्ड में आए उफान से भी भारी नुकसान हुआ है। चैतड़ू से ऊपर तीन मंजिला दो भवन बाढ़ की चपेट में आकर बह गए। शिला चौक के पास भी एक भवन खड में बह गया है। भारी बारिश का दौर अभी भी जारी है।
धर्मशाला में 130 मिमी बारिश
मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में रविवार रात से भारी बारिश का दौर जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह नौ बजे तक पालमपुर में 160 मिमी और धर्मशाला में 130 मिमी बारिश हुई है। मनाली 55 मिमी, कांगड़ा 65 मिमी, भुंतर 51 मिमी, डलहौजी 48 मिमी और कुफरी में 38 मिमी बारिश हुई है।
बारिश से हुए नुकसान का आकलन करें और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए
मैकलोडगंज के भागसूनाग में सड़क पर खड़ी कई गाड़ियां नाले में उफान आने पर बह गईं। कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल से प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बारिश से हुए नुकसान का आकलन करें और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए। प्रदेश के नदी और नाले उफान पर हैं। सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं। नेशनल हाईवे 707 कफोटा के पास भूस्खलन से बंद हो गया है जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए हैं।
बनेर और चरान खड्ड भी उफान पर
इसके साथ ही मांझी खड्ड भी पूरी तरह से उफान पर है। उफान में चल रही मांझी खड्ड से चैतडू स्थित अन्य राज्यों की लोगों की झुग्गियां भी बहा दी हैं। अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि मजदूरों ने जलस्तर बढ़ने से पूर्व अपने झुग्गियां खाली कर दी थीं या नहीं, लेकिन झुग्गियां तो पूरी तरह से साफ ही हो गई हैं। वहीं शिला स्कूल में पानी में पूरी तरह से भर गया है। इसी तरह बनेर और चरान खड्ड भी उफान पर हैं।