The war intensified again around Kyiv, five thousand people died in Maripol
World affairs

कीव के आसपास फिर तेज हुई जंग, मारीपोल में मारे गए पांच हजार लोग

Khaskhabar/रूसी सेना से घिरे यूक्रेन के मारीपोल शहर से दिल दहलाने वाली खबर आई है। शहर के मेयर वेदिम बोइचेंको के अनुसार रूसी हमलों के चलते शहर में पांच हजार लोग मारे गए हैं, इनमें 210 बच्चे शामिल हैं। शहर की 40 प्रतिशत इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं जबकि बाकी की ज्यादातर इमारतों को नुकसान हुआ है। जो इमारतें नष्ट हुई हैं उनमें स्कूल, अस्पताल, कारखाने और सामुदायिक भवन शामिल हैं।

Khaskhabar/रूसी सेना से घिरे यूक्रेन के मारीपोल शहर से दिल दहलाने वाली खबर आई है। शहर के मेयर वेदिम बोइचेंको के अनुसार रूसी हमलों के चलते शहर में पांच हजार लोग मारे गए हैं
Posted by khaskhabar

मारे गए पांच हजार लोगों में से कई ने दवा और जरूरी वस्तुओं के अभाव में दम तोड़ा

शहर से करीब 3,20,000 लोग निकल पाने में सफल रहे हैं जबकि 1,60,000 अभी भी फंसे हुए हैं और दुर्दिन झेल रहे हैं।मारे गए पांच हजार लोगों में से कई सौ ऐसे हैं जिन्होंने दवा और जरूरी वस्तुओं के अभाव में दम तोड़ा है। यूक्रेन सरकार के साथ ही फ्रांस सरकार ने मारीपोल की स्थिति को मर्माहत करने वाली बताया है।

क्रीमिया और रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनबास के मध्य स्थित

अजोव सागर के किनारे बसे मारीपोल की रणनीतिक स्थिति ही उसकी सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है।यह शहर रूस के कब्जे वाले क्रीमिया और रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनबास के मध्य स्थित है। अगर इस शहर पर कब्जा हो जाता है तो लुहांस्क, डोनेस्क से होते हुए क्रीमिया तक का इलाका पूरी तरह से रूस के कब्जे में आ जाएगा।

शहर में फंसे 1,60,000 लोग तीन हफ्ते से खाना, पानी और अन्य जरूरी वस्तुओं का संकट झेल रहे

वैसे कब्जे वाले दोनों इलाकों को जोड़ने के लिए रूसी सेना ने गलियारा बना लिया है लेकिन वह मारीपोल पर कब्जा कर स्थिति मजबूत करना चाहती है।शहर के मेयर के अनुसार शहर में फंसे 1,60,000 लोग तीन हफ्ते से खाना, पानी और अन्य जरूरी वस्तुओं का संकट झेल रहे हैं। इनकी दशा हृदय विदारक है।

कीव के आसपास के इलाके में लड़ाई तेज होने की खबर

चार्निहीव और खार्कीव में भी लाखों लोगों की हालत खराब है। इन दो शहरों में भी रूसी सेनाओं ने घेराबंदी कर रखी है और वहां पर लगातार हमले हो रहे हैं। राजधानी कीव के आसपास के इलाके में लड़ाई तेज होने की खबर है। कई दिनों के बाद यहां पर रूसी विमानों ने जोरदार बमबारी करते हुए जमीन पर अपना कब्जा मजबूत किया।

यूक्रेन की सेना यहां पर अपनी खोई जमीन पाने के लिए लगातार प्रयास कर रही

कीव के नजदीक इरपिन कस्बे को रूसी सेना के कब्जे से छीनकर यूक्रेनी सेना ने वापस पा लिया है। यूक्रेन की सेना यहां पर अपनी खोई जमीन पाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इससे पहले कीव के नजदीकी ट्रास्टियानेट्स और सूमी कस्बों को भी यूक्रेनी सेना रूसियों से छीन चुकी है। इस बीच रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसकी सेना ने कीव के पश्चिम में जीटोमीर इलाके में सेना के बड़े शस्त्रागार को नष्ट कर दिया है।

युद्ध के चलते 40 लाख लोग पलायन कर पड़ोसी देशों में पहुंच चुके

इसी के साथ बीते 24 घंटे में यूक्रेन के 41 सैन्य ठिकानों पर हमले करके उन्हें नुकसान पहुंचाया गया है।करीब साढ़े चार करोड़ आबादी वाले यूक्रेन में युद्ध के चलते 40 लाख लोग पलायन कर पड़ोसी देशों में पहुंच चुके हैं। पलायन करने वालों में 98 प्रतिशत बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं। इनमें सर्वाधिक 23 लाख लोग पोलैंड और छह लाख रोमानिया पहुंचे हैं।

पलायन के बावजूद दसियों लाख लोग अभी भी यूक्रेन के युद्ध क्षेत्रों में फंसे हुए

संयुक्त राष्ट्र ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर शरणार्थी संकट बताया है। कहा है कि स्थिति अभी और बिगड़ने की आशंका है। इस पलायन के बावजूद दसियों लाख लोग अभी भी यूक्रेन के युद्ध क्षेत्रों में फंसे हुए हैं।यूरोपीय यूनियन (ईयू) अब अपनी गोल्डेन पासपोर्ट नीति को खत्म करने पर विचार कर रहा है।

यह भी पढ़े —राज्य आबादी के आधार पर हिंदुओं को भी दे सकते हैं अल्पसंख्यक का दर्जा,केंद्र ने दाखिल किया हलफनामा

यूरोपीय यूनियन के 27 देशों ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए

इस नीति का फायदा उठाते हुए रूसी सत्ता के नजदीकी संपन्न तबके के लोगों ने बड़ी संख्या में यूरोपीय देशों की नागरिकता ले रखी थी। यूरोपीय यूनियन के 27 देशों ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए थे लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद अब गोल्डेन पासपोर्ट नीति को खत्म करने पर विचार हो रहा है। इस पासपोर्ट के धारक यूरोपीय देशों की नागरिकता के साथ ही वहां पर संपत्ति भी खरीद सकते हैं।

और ज्यादा खबरे पढ़ने और जानने के लिए ,अब आप हमे सोशल मीडिया पर भी फॉलो कर सकते है –
ट्विटर पर फॉलो करने के लिए टाइप करे –@khas_khabarएवं न्यूज़ पढ़ने के लिए#khas_khabarफेसबुक पर फॉलो करने के लाइव आप हमारे पेज@socialkhabarliveको फॉलो कर सकते है|