Khaskhabar/देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर अहम चरण में पहुंच गई है। भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आइआइएससी और आइएसआइ) के शोधकर्ताओं का मानना है जनवरी के अंत या फरवरी के शुरू तक तीसरी लहर चरम पर होगी और तब प्रतिदिन 10 लाख तक नए मामले मिल सकते हैं।

अलग-अलग राज्यों में तीसरी लहर का चरम भिन्न-भिन्न हो सकता है
बेंगलुरु स्थित संस्थान के प्रोफेसर शिव आत्रेय, प्रोफेसर राजेश सुंदरसन और सेंटर फार नेटवर्क इंटेलीजेंस की टीम ने कोरोना पर अपने अनुमानों में यह बात कही है। इनके मुताबिक अलग-अलग राज्यों में तीसरी लहर का चरम भिन्न-भिन्न हो सकता है। मार्च तक मामलों में बढ़ोतरी स्थिर हो जाएगी। शोधकर्ताओं के मुताबिक पहले के संक्रमण और टीकाकरण से पैदा ही प्रतिरक्षा कम होने लगेगी तो ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आएंगे।
महाराष्ट्र सबसे बुरी तरह प्रभावित हो सकता है और वहां प्रतिदिन 1,75,000 मामले मिल सकते हैं
ऐसी स्थिति में तीन तरह के हालात हो सकते हैं। पहली स्थिति में प्रतिदिन तीन लाख, दूसरी में छह और तीसरी स्थिति में 10 लाख तक नए मामले मिल सकते हैं। महाराष्ट्र सबसे बुरी तरह प्रभावित हो सकता है और वहां प्रतिदिन 1,75,000 मामले मिल सकते हैं।ओमिक्रोन वैरिएंट की टेस्टिंग पर मेदांता अस्पताल की वरिष्ठ निदेशक डा. सुशीला कटारिया ने शुक्रवार को कहा, ‘कोरोना संक्रमण का पता केवल RTPCR या एंटीजन या रैपिड टेस्टिंग के माध्यम से होता है इसलिए आज के समय में अगर किसी को ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण या दस्त या सिर्फ शरीर में दर्द होता है, तो इसे कोरोना के लक्षण माना जाना चाहिए है।
4 जनवरी से देख रहे हैं कि देश में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है
ऐसे लोगों को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और टेस्ट कराना चाहिए।डा.कटारिया ने कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि अगले दो हफ्तों में स्थिति खराब होगी। फ्लू नहीं है जो गुजर जाएगा। हम 4 जनवरी से देख रहे हैं कि देश में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। पिछले तीन दिनों में मामलों की संख्या लगभग पांच गुना बढ़ गई है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कोरोना के मामले ओमिक्रोन के कारण बढ़ रहे हैं, जो पूरे विश्व में फैल रहा है।’
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50वें या 100वें व्यक्ति की डेल्टा वैरिएंट की वजह से मौत हो रही थी
उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में हर दसवें व्यक्ति को भर्ती कराया गया था। 50वें या 100वें व्यक्ति की डेल्टा वैरिएंट की वजह से मौत हो रही थी। इसकी तुलना में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या महज 50 फीसद कम है। ये संख्या स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए काफी चिंताजनक है। डाक्टर ने चेतावनी दी और कहा कि अगले दो हफ्तों में स्थिति खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस बीमारी की तीसरी लहर पहले ही आ चुकी है और यह केवल एक फ्लू नहीं है जो गुजर जाएगा।