Khaskhabar/इमरान खान की सरकार ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सामने पूरी तरह से घुटने टेक दिए हैं। संगठन के प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी को गुरुवार को लाहौर की कोट लखपत जेल से रिहा कर दिया गया। जेल अधीक्षक ने इसकी पुष्टि की। डान के अनुसार टीएलपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि रिजवी अपनी रिहाई के बाद सबसे पहले रहमतुल लील अलमीन मस्जिद जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान 2,000 से अधिक हिरासत में लिए गए सदस्य
इससे पहले आतंकियों की सूची से उसका नाम हटा दिया गया था।साद की रिहाई प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा टीएलपी के प्रदर्शन के दौरान 2,000 से अधिक हिरासत में लिए गए सदस्यों को छोड़ने के लिए सहमत होने के दो सप्ताह बाद हुई। समूह पर प्रतिबंध हटाया गया और इसे चुनाव लड़ने के लिए अनुमति दी गई।
मोहम्मद के कैरिकेचर के प्रकाशन पर फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग
वार्ताकारों ने कहा है कि इसके बदले में टीएलपी हिंसा से दूर रहेगी और एक फ्रांसीसी पत्रिका द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर के प्रकाशन पर फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग को वापस लेगी। टीएलपी ने अक्टूबर के मध्य में देश में सड़कों पर उतरकर हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इसमें कम से कम सात पुलिसकर्मी मारे गए, दोनों पक्षों के लोग घायल हो हुए थे।
तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान का नाम एंटी टेररिज्म एक्ट
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का नाम एंटी टेररिज्म एक्ट (एटीए), 1997 की पहली अनुसूची से 7 नवंबर को हटा दिया गया था। इसके बाद से वह प्रतिबंधित संगठन नहीं रह गया है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का प्रमुख होने के नाते हाफिज मोहम्मद साद का नाम एंटी टेररिज्म एक्ट (एटीए), 1997 की चौथी अनुसूची में था।
इस साल 12 अप्रैल को टीएलपी द्वारा तीन दिनों की योजनाबद्ध और हिंसक विरोध प्रदर्शन
पंजाब गृह विभाग द्वारा जारी 10 नवंबर की अधिसूचना के तहत उसका नाम आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 की चौथी अनुसूची से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया।रिजवी की गिरफ्तारी इस साल 12 अप्रैल को टीएलपी द्वारा तीन दिनों की योजनाबद्ध और हिंसक विरोध प्रदर्शन के आरोप में हुई थी। गिरफ्तारी के बाद टीएलपी प्रमुख के खिलाफ एटीए की धाराओं के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी।
प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची के तहत चौथी अनुसूची में डाल दिया गया
डान की रिपोर्ट के अनुसार रिजवी का नाम 16 अप्रैल को आतंकवाद या सांप्रदायिकता के संदेह में प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची के तहत चौथी अनुसूची में डाल दिया गया था। पाकिस्तान में तीन दिनों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने इस साल अप्रैल में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत टीएलपी को एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था।