Khaskhabar/सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ट्रिब्यूनल में खाली पड़े पदों की भर्ती को लेकर हो रही लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि नौकरशाही मामले को हल्के में ले रही है और पदों को भरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

शुरू में कुछ नियुक्तियां की गई और उसके बाद आगे कुछ खास नहीं किया
कोर्ट का कहना है कि ट्रिब्यूनल में काफी पद खाली हैं जिनमें से कुछ ही पदों पर भर्तियां हुई हैं।मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ, जो देश भर के विभिन्न न्यायाधिकरणों में खाली पदों के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है, ने कहा कि शुरू में कुछ नियुक्तियां की गई और उसके बाद आगे कुछ खास नहीं किया गया।
सदस्यों के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई
पीठ ने बताया कि, ‘हमें कुछ याचिकाएं मिली हैं, जिनमें एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के सदस्यों के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई है। वहीं, ट्रिब्यूनल में काफी कम नियुक्तियां हुई हैं और उसके बाद इस मामले में कुछ नहीं किया गया। कई सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
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पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी
फिर भी नौकरशाही इसे मुद्दे को हल्के में ले रही है।’अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल, जो रिक्तियों से संबंधित मामलों से निपटने में पीठ की सहायता कर रहे हैं, ने रिक्तियों की सूची और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों को दिखाने का प्रयास किया। पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत केंद्र से उन न्यायाधिकरणों में नियुक्तियां करने के लिए कह रही है जो पीठासीन अधिकारियों के साथ-साथ न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं।