Khaskhabar/सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात सरकार की इस बात के लिए खिंचाई की कि उसने कोरोना के शिकार लोगों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए स्वीकृत प्रक्रिया का पालन न करके छंटनी करने के लिए समिति बना दी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने गुजरात सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव को फटकार लगाते हुए यह तक कह दिया कि आपके मुख्यमंत्री सब कुछ नहीं जानते हैं।

कोर्ट ने स्क्रुटनी कमेटी बनाने को लेकर आपत्ति जताई
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कोरोना मुआवजे से जुड़ी याचिका की सुनवाई की। इसी याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान 18 नवंबर को कोर्ट ने स्क्रुटनी कमेटी बनाने को लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
गुजरात सरकार के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को भी तलब करने की चेतावनी
इसके साथ ही पीठ ने गुजरात सरकार के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को भी तलब करने की चेतावनी दी थी। सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुजरात सरकार की ओर से दलीलें रखी।
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आपके मुख्यमंत्री को सब कुछ नहीं पता
जस्टिस शाह : आपके मुख्यमंत्री को सब कुछ नहीं पता है। आप सचिव किसलिए हैं। यदि यह आपके दिमाग की उपज है तो आप भी कुछ नहीं जानते। यह कामों में देरी किए जाने का नौकरशाही प्रयास है। ऐसे तो स्क्रुटनी कमेटी का प्रमाणपत्र मिलने में एक साल लग जाएगा।इसके बाद मेहता ने अगले सोमवार को सुनवाई का अनुरोध किया। पीठ ने गुजरात में कोविड से मौत के आंकड़े भी तलब किए।