Sugarcane Farming:जब भी गन्ना के उत्पादन की बात आती है तो हमेशा टॉप पर यूपी का नाम रहता है. यहां गन्ना की पैदावार से लेकर पेराई और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार की पूरा प्रोत्साहन मिल रहा है. एक तरफ अधिक पैदावार के लिए गन्ना उत्पादन के लिए नई आईटी तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है.

गन्ना पेराई सत्र 2021-22 में 210 चीनी मिलों का संचालन किया गया
सरकार भी गन्ना किसानों के भुगतान से लेकर पेराई के लिए चीनी मिलों के संचालन पर फोकस कर रही है. इसी का परिणाम है कि गन्ना पेराई सत्र 2021-22 में 210 चीनी मिलों का संचालन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तर प्रदेश में पिछले 5 साल में गन्ना की उत्पादकता में 9.93 टन की ग्रोथ दर्ज की गई है.
गन्ना पेराई सत्र 2021-22 में भी अच्छी खासी बढ़त देखी गई
आंकड़ों की मानें तो साल 2021-22 में गन्ना का रकबा 27.60 लाख हेक्टेयर और उत्पादकता भी 83.31 टन प्रति हेक्टेयर पर पहुंच गई है. वहीं गन्ना पेराई सत्र 2021-22 में भी अच्छी खासी बढ़त देखी गई है. इस बीच बी-हैवी शीरा और गन्ना रस के इथेनॉल उत्पादन में 10.03% और बी-हैवी शीरा और गन्ना रस के बिना बिना इथेनॉल उत्पादन का आंकड़ा 11.47 दर्ज किया गया.
यूपी सरकार ने जिला स्तर पर गन्ना विकास योजना चलाई
पिछले कुछ सालों में हुई ग्रोथ का श्रेय सरकार की अनुदान योजनाओं के साथ किसानों की मेहनत को भी जाता है. यूपी सरकार ने जिला स्तर पर गन्ना विकास योजना चलाई है, जिसमें बीज उत्पादन और वितरण कार्यक्रम के जरिए गन्ने की उन्नत किस्मों के बीज उत्पादन पर फोकस किया जा रहा है. यूपी में गन्ना के किसानों को तकनीक से जोड़कर स्मार्ट बनाने की भी पहल की गई है.
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स्मार्ट गन्ना किसान एप की मदद से भुगतान की प्रक्रिया सरल हो गई
राज्य में गन्ने की खेती के लिए आईटी प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया गया है, जो किसानों को गन्ना सर्वे से लेकर, सट्टा, कैलेंडर और पर्ची से जुड़ी सभी जानकारियां फोन पर ही उपलब्ध करवा रहा है. अब गन्ना की पर्ची सीधा फोन पर एसएमएस के जरिए मिल जाती है, जिससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की दिक्कत नहीं रही. इसके अलावा, स्मार्ट गन्ना किसान एप की मदद से भुगतान की प्रक्रिया सरल हो गई है. पहले के लंबित बड़े भुगतानों के साथ 2017 से लेकर पेराई स्तर 2022-23 तक की गन्ना के लिए 1,82,627.58 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
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