Khaskhabar/देश में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के कुल चार मामले सामने आए हैं। तीसरा केस गुजरात के जामनगर में जबकि चौथा मामला मुंबई में सामने आया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दुबई, दिल्ली के रास्ते दक्षिण अफ्रीका से मुंबई पहुंचने वाला महाराष्ट्र का शख्स ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है।

जिम्बाब्वे से आया एक व्यक्ति ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित पाया गया
वहीं गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को बताया कि राज्य में ओमिक्रोन का पहला मामला जामनगर में सामने आया। इसमें जिम्बाब्वे से आया एक व्यक्ति ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित पाया गया।गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जय प्रकाश शिवहरे ने बताया कि जिम्बाब्वे से 28 नवंबर को गुजरात के जामनगर आए 72 साल के एक व्यक्ति को इस नए वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है। इससे पहले कर्नाटक में दो लोगों को ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित पाया गया था।
बुजुर्ग को दो दिसंबर को कोरोना संक्रमित पाया गया
गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त ने बताया कि बुजुर्ग को दो दिसंबर को कोरोना संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद उनके नमूने की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई थी।जामनगर के नगर आयुक्त विजय कुमार खराड़ी ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति पिछले कई वर्षों से जिम्बाब्वे में रह रहे थे। वह अपने संबंधी से मिलने जामनगर आए थे।
जामनगर में पहला केस आने के बाद गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने एक उच्च स्तरीय बैठक की
उन्हें खराड़ी के गुरु गोविंद सिंह सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन उनके संपर्क में आए लोगों की तलाश में जुट गया है।समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक जामनगर में Omicron के पहला केस आने के बाद गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने एक उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें उन्होंने गुजरात के स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने ओमिक्रोन के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए।
मकान को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया
गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने कहा कि जामनगर में मिले ओमिक्रोन के मरीज को आइसोलेट कर दिया गया है। उनके मकान को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। सारी सावधानियों का पालन करते हुए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की व्यवस्था होगी।मुंबई में ओमिक्रोन का चौथा मामला सामने आने के बाद बृहन्मुंबई नगरपालिका परिषद (बीएमसी) ने जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए सात के होम क्वारंटाइन को अनिवार्य बना दिया है।
अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में 8,603 नए मामले
होम क्वारंटाइन के दौरान बीएमसी के कर्मचारी दिन में पांच बार फोन कर यात्री के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे।वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शनिवार सुबह अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में 8,603 नए मामले मिले हैं, 415 मौतें हुई हैं और सक्रिय मामलों में भी मामूली गिरावट आई है। कोविन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 127.38 करोड़ डोज लगी है।
संसदीय समिति ने कोविड-19 रोधी वैक्सीन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने की सिफारिश
इसमें 79.97 करोड़ पहली और 47.40 करोड़ दूसरे डोज शामिल हैं।वहीं दूसरी ओर ओमीक्रोन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच संसदीय समिति ने कोविड-19 रोधी वैक्सीन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने की सिफारिश की है। समिति ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत
समिति का कहना है कि देश के ग्रामीण इलाकों में जांच सुविधाओं में सुधार की तत्काल जरूरत है।समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार को इस समय का सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है।
दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए
सरकार को अस्पतालों में बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और आक्सीजन सिलेंडरों और जरूरी दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राज्यों में वीआरडीएल के साथ पीएचसी और सीएचसी के बीच कोआर्डिनेशन को भी मजबूत किए जाने की जरूरत है।समिति का कहना है कि मौजूदा वक्त में महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए संक्रमितों का समय पर पता लगाना और उन्हें क्वारंटीन करना बहुत जरूरी है।
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इलाज को लेकर और अध्ययन किए जाने की अहमियत
यही नहीं कोरोना संक्रमण के इलाज को लेकर और अध्ययन किए जाने की अहमियत को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन को मंजूरी देने के साथ ही टीकों के उत्पादन में तेजी लाने पर भी जोर देना चाहिए। मौजूदा वक्त में वैक्सीन की वितरण क्षमता बढ़ाने के साथ ही टीकाकरण की दर को भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।