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रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दी चेतावनी,कहा – अमेरिका और अन्य देश ‘लक्ष्मण रेखा’ न पार करें

Khaskhabar/पश्चिमी देश रूस की रेडलाइन न लांघे (सब्र का इम्तिहान न लें)। अन्यथा ऐसा करारा जवाब दिया जाएगा जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। यह बात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र को अपने वार्षिक संबोधन में कही है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ तल्खपूर्ण संबंधों के बीच रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। जेल में अनशन कर रहे विपक्षी नेता एलेक्सेई नवलनी के मसले पर भी रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।

Khaskhabar/पश्चिमी देश रूस की रेडलाइन न लांघे (सब्र का इम्तिहान न लें)। अन्यथा ऐसा करारा जवाब दिया जाएगा जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। यह बात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र को अपने वार्षिक संबोधन में
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सोच नहीं सकते कितना खतरनाक जवाब मिलेगा

पुतिन ने अपने संबोधन में साफ किया कि रूस बाहरी चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, हम सभी के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हम जोड़ने वाले पुलों को खत्म नहीं करना चाहते। लेकिन अगर इसे कोई हमारी कमजोरी समझेगा तो वह सोच भी नहीं सकता कि रूस का जवाब कितना खतरनाक होगा।

हर समस्‍या के लिए रूस जिम्‍मेदार नहीं

पुतिन ने कहा कि कुछ देशों की आदत है कि वे हर समस्या के लिए रूस को जिम्मेदार ठहरा देते हैं। उनके लिए यह एक तरह का खेल है। लेकिन भड़कावे का यह खेल लंबे समय तक नहीं चल सकता। इस तरह का खेल खेलने वालों को पछताना पड़ेगा। अपने भाषण में पुतिन ने एक बार भी नवलनी का जिक्र नहीं किया।

Khaskhabar/पश्चिमी देश रूस की रेडलाइन न लांघे (सब्र का इम्तिहान न लें)। अन्यथा ऐसा करारा जवाब दिया जाएगा जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। यह बात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र को अपने वार्षिक संबोधन में
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यह है पुतिन के गुस्‍से की वजह

उल्लेखनीय है कि कभी रूस के सहयोगी रहे यूक्रेन और चेक गणराज्य भी मौजूदा वक्‍त में रूस के खिलाफ खड़े हैं। दोनों ही देशों को यूरोप और अमेरिका का समर्थन हासिल है। यही पुतिन को खल रहा है और इसे वह रूस को घेरने की नीति मान रहे हैं।

हमने तय कर रखी है सीमा रेखा

पुतिन ने कहा कि रूस ने हर मामले में अपनी सीमा रेखा तय कर रखी है। वह हिरनों के बीच एक टाइगर की तरह है जिसे किसी की फिक्र नहीं है। अपने 78 मिनट के भाषण में पुतिन ने कोविड-19 महामारी और रूस की आर्थिक मुश्किलों का भी जिक्र किया।

17 अप्रैल को बेलारूस के अधिकारियों ने ये जानकारी दी थी कि उन्होंने अमेरिका के समर्थन से राष्ट्रपति लुकाशेंको को मारने की साज़िश को नाकाम कर दिया है. रूस की संघीय जाँच एजेंसी एफ़एसबी ने कहा था कि उसने इस साज़िश में कथित रूप से शामिल बेलारूस के दो लोगों को हिरासत में लिया है.लेकिन तख़्तापलट के दावे को निर्वासित विपक्षी नेता स्वेतलाना तिकानोवस्क्या ने ख़ारिज करते हुए इसे एक उकसावे की संज्ञा दी.

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पश्चिम को चेतावनी

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि उनका देश सभी के साथ अच्छा संबंध चाहता है, लेकिन पश्चिमी देशों की ओर से लगातार रूस को निशाना बनाने की कोशिश हो रही है.पुतिन ने कहा, “हम रिश्तों को सामन्य करने की कोशिशें ख़त्म नहीं करना चाहते, लेकिन अगर कोई हमारे अच्छे इरादों को हमारी कमज़ोरी समझता है तो हमारी प्रतिक्रिया उसी तरह कठोर होगी.”

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