Khaskhabar/प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को स्कूली बच्चों को प्रौद्योगिकी के अत्यधिक संपर्क से बचने के लिए आनलाइन और आफलाइन सीखने की हाइब्रिड प्रणाली विकसित करने की वकालत की। पीएम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

डाटाबेस को स्कूल के रिकार्ड के साथ समेकित रूप से एकीकृत किया जाना चाहिए
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा कि नई नीति पहुंच, समानता, समावेशिता और गुणवत्ता के उद्देश्यों के साथ शुरू की जा रही है।पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा बनाए गए डाटाबेस को स्कूल के रिकार्ड के साथ समेकित रूप से एकीकृत किया जाना चाहिए क्योंकि बच्चे आंगनवाड़ी से वहां जाते हैं।
माध्यमिक विद्यालयों को मिट्टी परीक्षण के लिए अपने क्षेत्र में किसानों के साथ जुड़ना चाहिए।
बयान में कहा गया कि छात्रों में वैचारिक कौशल विकसित करने के लिए उन्होंने स्वदेशी रूप से विकसित खिलौनों के उपयोग पर जोर दिया।उन्होंने (Prime Minister Narendra Modi) यह भी सुझाव दिया कि विज्ञान प्रयोगशालाओं वाले माध्यमिक विद्यालयों को मिट्टी परीक्षण के लिए अपने क्षेत्र में किसानों के साथ जुड़ना चाहिए।
समिति के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने का कार्य प्रगति पर
नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल न जाने वाले बच्चों का पता लगाने और उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के विशेष प्रयासों और उच्च शिक्षा में बहुप्रवेश और निकास की शुरुआत से कई परिवर्तनकारी सुधार शुरू किए गए हैं।मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय संचालन समिति के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
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खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र जैसे अभिनव किए गए
बयान में कहा गया कि स्कूली शिक्षा में बाल वाटिका में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने, निपुण भारत, विद्या प्रवेश, परीक्षा सुधार और कला- एकीकृत शिक्षा, खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र जैसे अभिनव किए गए हैं जिनसे बच्चों का समग्र विकास होने के साथ वे बेहतर तरीके से सीख भी सकेंगे।
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