Khaskhabar/लोकसभा में विपक्ष के शोर-शराबे के बीच सरकार ने एक के बाद एक थोड़े समय में ही तीन विधेयक पारित करा लिए तो तीन नए विधेयकों को पेश भी किया गया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने हंगामे के बीच आनन-फानन में विधेयकों को पारित कराने पर गंभीर एतराज जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार सदन में लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

विधायी कामकाज को पूरा करने की रफ्तार तेज कर दी है
हालांकि विपक्षी दलों के हमलों और विरोध के बावजूद सरकार ने मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते को देखते हुए अपने विधायी कामकाज को पूरा करने की रफ्तार तेज कर दी है।पेगासस जासूसी कांड समेत तमाम मुद्दों पर संसद में चल रहे संग्राम के बीच विपक्षी दलों ने राज्यों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार देने संबंधी सोमवार को लोकसभा में पेश हुए संविधान संशोधन विधेयक का एक सुर से समर्थन करने की घोषणा की है।
विधेयक के लिए अपनी जंग को विराम देने का निर्णय लिया
ओबीसी सूची से जुड़े मामले की सियासी संवेदनशीलता को देखते हुए विपक्षी दलों ने मानसून सत्र की शुरुआत से संसद में चले आ रहे संग्राम में पहली बार इस इस विधेयक के लिए अपनी जंग को विराम देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस की अगुआई में 15 विपक्षी दलों के नेताओं की सोमवार सुबह हुई बैठक में ओबीसी विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार का साथ देने पर सहमति बनी।
विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक हथियार
विपक्षी दलों को आशंका थी कि ओबीसी सूची से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा और मतदान के दौरान हंगामा जारी रहता तो सरकार और भाजपा इसे विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती थी।
साथ ही विपक्षी दलों ने यह भी साफ कर दिया कि ओबीसी विधेयक का समर्थन करने के अपवाद के अलावा पेगासस, कृषि कानूनों और महंगाई के खिलाफ संसद में सरकार की आक्रामक घेरेबंदी की उसकी रणनीति नहीं बदलेगी। संसद के दोनों सदनों में सोमवार को भारी हंगामा जारी रखते हुए विपक्ष ने अपनी इस रणनीति को जाहिर भी कर दिया।
संविधान संशोधन बिल पर चर्चा में भी विपक्ष हिस्सा लेगा
राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे ने बैठक के बाद विपक्षी नेताओं के साथ मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विपक्षी दल ओबीसी सूची में संशोधन के लिए जो बिल लेकर आई है हम उसका समर्थन करेंगे। इस संविधान संशोधन बिल पर चर्चा में भी विपक्ष हिस्सा लेगा। पेगासस जासूसी कांड के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि बाकी के मुद्दे अपनी जगह हैं पर यह मसला बैकवर्ड क्लास और देश के हित में है। इसीलिए ओबीसी और गरीबों के हित में जो कानून आएगा हम उसे एक होकर पास करेंगे।
हंगामे को विराम देकर विधेयक का समर्थन करने का फैसला
ओबीसी समुदाय का बड़ा वोट बैंक हर किसी के लिए अहम है। इसीलिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ विपक्षी खेमे के तमाम नेताओं की सोमवार सुबह संयुक्त बैठक हुई तो इसमें एक मत से हंगामे को विराम देकर विधेयक का समर्थन करने का फैसला हुआ। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, द्रमुक, राजद, सपा, माकपा, भाकपा, आप, एनसीपी आदि दलों के नेता शामिल थे।बताने की जरूरत नहीं कि ओबोसी विधेयक जब सदन में चर्चा के लिए पेश होगा तो किस तरह हर दल खुद की पीठ थपथपाने की कोशिश करेगा।
वर्ग को संविधान के तहत आरक्षण दिया गया
यही कारण है कि विपक्ष ने भी इसके समर्थन की घोषणा पहले ही कर दी है। लेकिन उससे पहले सोमवार को लद्दाख केंद्रीय विश्वविद्याल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने साफ किया है कि मोदी सरकार का आरक्षण का लेकर रुख बिल्कुल साफ है।जिस वर्ग को संविधान के तहत आरक्षण दिया गया है, उसे वह शत-प्रतिशत लागू कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस दौरान बगैर किसी का नाम लिए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा और कहा कि कुछ कहने से नहीं, बल्कि कुछ करके दिखाने से होता है। इसके लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत होती है।