Khaskhabar/संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण मंगलवार को आम बजट पेश करेंगी। सुबह 11 बजे पेश होने वाला बजट पिछले साल की तरह पेपरलेस होगा। इस दौरान सरकार से जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उपायों की घोषणा करने की उम्मीद है। देश का आम व्यक्ति आयकर संबंधी प्रस्तावों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर घोषणाओं के प्रभाव पर कड़ी नजर बनाए हुए है।

इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ
2014 के बाद से इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है।कुछ विश्लेषकों का मानना है कि वित्त मंत्री करदाताओं को कुछ राहत देने का एलान कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जा सकता है। अन्य स्लैब में भी बदलाव हो सकता है।इसके साथ ही सरकार से उम्मीद की जाती है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर अपना ध्यान जारी रखेगी।
क्रिटिकल केयर सुविधाओं और आक्सीजन प्लांट जैसी सुविधाओं से लैस करने की आवश्यकता है।
कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार का यह सबसे प्रमुख बिंदु बना हुआ है। स्वास्थ्य पेशेवरों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत करने और टियर 2-3 शहरों को डायग्नोसिस सेंटर, वेंटिलेटर, आईसीयू, क्रिटिकल केयर सुविधाओं और आक्सीजन प्लांट जैसी सुविधाओं से लैस करने की आवश्यकता है।
अपोलो हास्पिटल्स की एमडी डा सुनीता रेड्डी ने कहा कि देश को स्वास्थ्य सेवा पर अधिक खर्च करना चाहिए
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार को जीडीपी का आवंटन 1.2 फीसदी से बढ़ाकर 3.3 फीसदी करना चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए अपोलो हास्पिटल्स की एमडी डा सुनीता रेड्डी ने कहा कि देश को स्वास्थ्य सेवा पर अधिक खर्च करना चाहिए।
रियल स्टेट सेक्टर में भी बजट से काफी उम्मीदें लगाई जा रही
वर्तमान में हम अपने सकल घरेलू उत्पाद का 1.15 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च करते हैं, लेकिन इसे जल्द ही 2.5 प्रतिशत करने की आवश्यकता है। रियल स्टेट सेक्टर में भी बजट से काफी उम्मीदें लगाई जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा उठाए गए विकासोन्मुखी कदमों से रियल स्टेट सेक्टर को फिर से रफ्तार पकड़ने में मदद मिल सकती है और इस दिशा में और घोषणाएं बाजार की धारणा को और बढ़ावा दे सकती हैं।
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संसद का बजट सत्र दो भागों में हो रहा
एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के लिए उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि परेशानी मुक्त ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए जिससे व्यवसाय करने की लागत कम हो।समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समयसीमा को एक और साल के लिए 31 मार्च, 2023 तक बढ़ाने का सुझाव दिया है। बता दें कि संसद का बजट सत्र दो भागों में हो रहा है। पहला चरण 11 फरवरी तक और दूसरा भाग 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा।