रणजी ट्रॉफी में आज का दिन काफी खास रहा क्योंकि टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार महिला अंपायर्स को मैदान में देखा गया। वृंदा राठी, एन जननी और वी गायत्री ने रणजी में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला बनने की उपलब्धि हासिल की है।

राठी ने BCCI की स्कोरर परीक्षा को पास किया
गायत्री पूर्व क्रिकेटर हैं, जननी पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं तो वहीं राठी पहले स्कोरर रह चुकी हैं। ये तीनों अलग-अलग मैचों में अंपायरिंग कर रही हैं। जननी ने 2018 में लेवल 2 अंपायरिंग की परीक्षा पास करने के बाद आईटी की नौकरी छोड़ी और 2021 तमिलनाडु प्रीमियर लीग में अंपायरिंग करती दिखी थीं। राठी ने BCCI की स्कोरर परीक्षा को पास किया है और 2013 महिला विश्व कप में आधिकारिक स्कोरर रही थीं।
कुछ वर्ष बाद टीएनसीए ने नियम बदला और महिलाओं को भी अंपायरिंग की अनुमति दी
गायत्री का क्रिकेटिंग करियर कंधे की चोट के कारण खत्म हो गया था, लेकिन वह रणजी ट्रॉफी में चौथे अंपायर के रूप में काम कर चुकी हैं। 36 वर्षीय जननी नारायणन की शुरू से ही क्रिकेट में रुचि थी। वह इससे जुड़े रहना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) से संपर्क साधा। कुछ वर्ष बाद टीएनसीए ने नियम बदला और महिलाओं को भी अंपायरिंग की अनुमति दी।
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2021 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में भी अंपायरिंग कर चुकी
इंजीनियर जननी ने बीसीसीआई की लेवल दो परीक्षा 2018 में पास की। इसके बाद उन्होंने अपनी अच्छी खासी आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) की नौकरी छोड़ दी और क्रिकेट अंपायरिंग में करियर शुरू किया। वह 2021 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में भी अंपायरिंग कर चुकी हैं।
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