Khaskhabar/केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने सोमवार को कहा कि पर्यटन मंत्रालय कोविड के बाद की स्थिति में भारत को वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद और देखभाल केंद्र के रूप में पेश करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी केंद्रों को व्यवस्थित तरीके से सूचीबद्ध करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उनका व्यापक स्तर पर प्रचार किया जा सके। इस संबंध में सोमवार को ‘नेशनल मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म बोर्ड’ की बैठक में चर्चा हुई।

पटेल ने बैठक के बाद पीटीआई-भाषा से कहा कि कोविड के बाद के दौर में हमारे पास योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने का अवसर है। योग और आयुर्वेद समय की मांग होंगे। बोर्ड के सदस्यों ने यह भी सिफारिश की है कि हमें आयुर्वेद और एलोपैथी के लिए अलग-अलग केंद्र स्थापित करने चाहिए ताकि पर्यटक अपनी पसंद को लेकर स्पष्ट रह सकें।

मेडिकल पर्यटन की प्रगति में बाधाओं को दूर करने के लिए किया गया
‘नेशनल मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म बोर्ड’ का गठन मेडिकल पर्यटन की प्रगति में बाधाओं को दूर करने के लिए किया गया था। मेदांता अस्पताल के नरेश त्रेहन, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नारायण स्वास्थ्य के अध्यक्ष देवी प्रसाद शेट्टी जैसे मशहूर डॉक्टर बोर्ड के सदस्य हैं।
प्रह्लाद पटेल:आयुष अस्पतालों की एक प्रामाणिक सूची भी होनी चाहिए
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा है कि हमारे पास हमारे सभी देखभाल केंद्रों और आयुष अस्पतालों की एक प्रामाणिक सूची भी होनी चाहिए ताकि हम उनका ठीक से प्रचार कर सकें। इससे विदेशी पर्यटकों को ऐसे केंद्रों की सटीक संख्या जानने और उनका चयन करने में आसानी होगी।’’ पर्यटन मंत्री ने बताया कि भारत में 34 अस्पताल ऐसे हैं जिन्हें ‘ज्वाइंट कमीशन इंटरनेशनल’ से मान्यता मिली हुयी है।
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