चुनावी साल है देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनावों के साथ अलगे वर्ष लोकसभा चुनाव भी है और इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का एक ऐसा बयान सामने आया है जो भाजपा के लिए मुसीबत बन गया है। भाजपा और आरएसएस दोनों ही मिलकर इस बयान पर डेमेजे कंट्रोल में जुट गई है।

बयान के बाद बाद संघ और भाजपा के ब्राह्मण नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने मुंबई में कहा की भगवान ने कहा था की उनके लिए सब एक है, उनमें कोई जाति वर्ण नहीं है लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई जो गलत था। इस बयान के बाद बाद संघ और भाजपा के ब्राह्मण नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
विपक्ष को भी बैठे बिठाए ये मिल गया मुद्दा
जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ब्राह्मणों ने संघ प्रमुख के बयान पर नाराजगी जाहिर की हैं। इधर, विपक्ष को भी बैठे बिठाए ये मुद्दा मिल गया है। ऐसे में विपक्ष भागवत के बयान को हथियार बनाकर एक तीर से दो निशाने साधेगी।
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भागवत ने अपना बयान वापस नहीं लिया तो उन्हें कलयुग का ‘विभीषण’ कहा जाएगा
कानपुर (Kanpur) में ‘मैं हूं ब्राह्मण महासभा’ के लोगों ने मोहन भागवत के बयान का विरोध किया. इन प्रदर्शनकारियों ने जमीन पर बैठकर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पढ़ी और कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं जो गलत है. अगर भागवत ने अपना बयान वापस नहीं लिया तो उन्हें कलयुग का ‘विभीषण’ कहा जाएगा.
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