Kanpur Police Encounter:उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस के साथ हुई दिल दहलाने वाली घटना से कई परिवारो पर आफत टूट गयी है |इस घटना ने कई परिवारों की खुशियां छीन ली हैं। मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं।शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन बोले जब विकास के सीने में गाेली पड़ेगी तब कलेजे को ठंडक मिलेगी।

आपको बता दे की सहीद होने वालो में क्षेत्राधिकारी बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा, थाना प्रभारी शिवराजपुर महेश चंद्र यादव, चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर नेबू लाल, सिपाही सुल्तान सिंह, सिपाही राहुल दिवाकर, सिपाही बबलू कुमार, सिपाही जितेंद्र शामिल हैं।
शहीद देवेंद्र कुमार मिश्र चंद घंटे के लिए आए थे पैतृक घर
Kanpur Police Encounter में पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) देवेंद्र कुमार मिश्र के कानपुर में बदमाशों से मुठभेड़ में शहीद होने की खबर से उनके पैतृक गांव सहेवा में शोक की लहर छा गई। देवेंद्र चार महीने पहले चित्रकूट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में ड्यूटी करने के बाद कानपुर जाते वक्त कुछ घंटों के लिए गांव आए थे और परिजनों व गांव वालों से जल्द ही दोबारा आने का वादा भी कर गए थे|

सहेवा गांव के महेश प्रसाद मिश्र के तीन बेटों में सबसे बड़े देवेंद्र मिश्र पुलिस में काफी पहले भर्ती हो गए थे। अब उनके रिटायरमेंट का समय था। अगले साल ही सेवानिवृत्त होना था।
शहादत की खबर आते ही सुबह ही खुरहंड चौकी और स्थानीय पुलिस की टुकड़ी उनके घर पहुंच गई और सांत्वना जताई। इसी बीच गांव के बुजुर्गों का जमघट लग गया।
शहीद सिपाही बबलू कुमार
आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र के गांव पोखर पांडे निवासी बबलू कुमार 2018 में पुलिस में भर्ती हुए थे। कुख्यात बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम में 23 वर्षीय बबलू कुमार भी शामिल थे। गोली लगने से वो शहीद हो गए। सिपाही बबलू की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। शहीद बबलू के परिवार की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। इनके पिता छोटेलाल राजमिस्री हैं।ग्रामीणों ने बताया कि बबलू की पुलिस में नौकरी लगने के बाद परिवार में उम्मीद की किरण जागी थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

शहीद जितेंद्र
कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए मथुरा जिले के सिपाही जितेंद्र गांव बरारी के रहने वाले थे। उनके परिजन तंतुरा नवादा में रहते हैं। जितेंद्र के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। 26 साल के जितेंद्र दो साल पहले ही पुलिस में भर्ती हुए थे। उनकी अभी शादी नहीं हुई थी। परिवार में उनके पिता तीर्थपाल सिंह, मां व भाई-बहन हैं। जितेंद्र का अंतिम संस्कार गांव बरारी में किया जाएगा।
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कानपुर मुठभेड़ में औरैया का लाल शहीद
थाना बिधूना क्षेत्र के गांव रूरूकलां के मूल निवासी के कांस्टेबल राहुल दिवाकर की शहीद होने की सूचना गांव में आते ही परिजनों में कोहराम मच गया। कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में मुठभेड़ में शहीद हुए राहुल दिवाकर ने निवास सी-205 देवेंद्रपुरी मोदीनगर गाजियाबाद में बना लिया था। शहीद सिपाही के पिता ओमकुमार दो साल पहले दरोगा पद से सेवानिवृत्त हो गए थे।राहुल की फरवरी 2019 में रोहिणी निवासी दिव्या के साथ शादी हुई थी। तीन माह की एक बेटी है।