Khaskhabar/कोरोना महामारी के चलते 2019-20 (असेसमेंट ईयर 2020-21) के लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक ITR फाइल किया जा सकेगा। ऐसे में 31 दिसंबर से पहले ITR फाइल कर देना चाहिए। ITR फाइल करने देरी के कारण करदाता को जुर्माना तो भरना ही पड़ता है साथ ही कई तरह की इनकम टैक्स छूट भी आपको नहीं मिलती। अगर रिटर्न 31 दिसंबर के बाद फाइल किया जाता है तो करदाता को 10,000 रुपये लेट फीस चुकानी होगी। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी इनकम 5 लाख से ज्यादा नहीं है उनको लेट फीस के रूप में 1000 रुपये ही देने पड़ते हैं।
आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं। इसी तरह आईटीआर फाइल करने में देरी की तो धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट भी आपको नहीं मिलेगी। आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलेगा।

ITR फाइल करते समय रखें इसका ध्यान
अपनी सभी जानकारियों को सही-सही ITR फॉर्म में भरें। गलत जानकारी देने पर आपको रिफंड मिलने में मुश्किल होगी। गलत जानकारी देना आपको महंगा पड़ सकता है। जिस बैंक अकाउंट में इनकम टैक्स रिफंड चाहते हैं उस खाते को प्री-वैलिडेट (पहले से सत्यापित) करा लें ताकि आपको रिफंड मिलने में देरी न हो।
सजा भी हो सकती है
वहीं अगर रिटर्न को फाइल नहीं करते हैं तो आप करेंट असेसमेंट ईयर के नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में नहीं ले जा सकते हैं। ऐसे लोगों पर टैक्स गणना के मूल्य का 50 फीसदी से लेकर के 200 फीसदी तक जुर्माना लग सकता है। साथ ही ज्यादा वैल्यू वाले केसों में 7 साल की कठोर सजा हो सकती है।
गिफ्ट मिला हो तो
इनकम टैक्स के नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिला है तो इस पर आपको टैक्स देना होगा। आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्यान रखना होगा। इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, भारत के सभी टैक्स पेयर्स को बैंक खातों सहित सभी विदेशी संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत करना होगा। यदि आपके पास विदेशों में शेयरों में या म्यूचुअल फंड में निवेश है तो इसका विवरण भरने के दौरान सावधान रहें।
दो बार बढ़ चुकी है डेट
कोविड-19 महामारी के चलते आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को पहले 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 किया गया। बाद में इसे 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया। वर्ष 2019-20 अंतिम तिथि 31 अगस्त 2019 थी और उस समय तक कुल 5.65 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे। आयकर विभाग ने बताया कि 26 दिसंबर तक 4.15 करोड़ आईटीआर भरे जा चुके हैं।
सालाना आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है तो
जिन लोगों की वार्षिक आय 50 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें एक और नियम याद रखना होगा. ऐसे करदाताओं को अपने फॉर्म में दिया गया एक अतिरिक्त कॉलम AL भरना होगा, जिसमें उन्हें अपनी सभी संपत्तियों का मूल्य और देनदारियों के बारे में मांगी गई जानकारी भरनी होगी. AL का अर्थ है – असेट्स और लायबिलिटीज़.
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