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तीसरी पीढ़ी बिजनेस बर्बाद न कर दे, इसलिए तय किया शिक्षा अच्छी हो और काबिलियत से ही मौका मिले

Khaskhabar/शिक्षा अच्छी हो और काबिलियत से ही मौका मिले ,टू व्हीलर श्रेणी में हीरो दुनिया की सबसे बड़ी बिजनेस कंपनी है। उसका इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस भी देश में सबसे बड़ा है। कंपनी के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल ने परिवार और बिजनेस की कहानी पर किताब लिखी है। नाम है- ‘हीरो की कहानी: चार भाइयों का औद्योगिक चमत्कार’।वे कहते हैं ये बिजनेस बुक नहीं, लाइफ स्टोरी है।

Khaskhabar/शिक्षा अच्छी हो और काबिलियत से ही मौका मिले ,टू व्हीलर श्रेणी में हीरो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। उसका इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस भी देश में सबसे बड़ा है। कंपनी के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल ने परिवार और

चमत्कार इसलिए क्योंकि हम जिसे ‘मॉडर्न मैनेजमेंट प्रैक्टिस’ बोलते हैं, वो इन चार भाइयों ने इस कंपनी में 60 साल पहले शुरू की थी। तब बिजनेस एडवाइजर और कंसल्टेंट नहीं होते थे। उस पर ये भाई भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज तक नहीं गए थे, लेकिन जो बिजनेस इन्होंने तैयार किया वो चमत्कार ही था।

इस बुक के बनने की शुरूआत कहां हुई?

इसे लिखने की शुरुआत थोड़ी कठिन थी। बहुत साल से मेरे पिताजी को लोग कहते थे कि आपके परिवार पर किताब लिखवाएं। पिताजी का एक ही जवाब होता था, ये हमारी परंपरा नहीं है, हम अपने बारे में बात नहीं करते। 90 साल के हुए, तब जाकर पिताजी को मनाया कि ये किताब लोगों को सिखाने के लिए है, इसलिए लिखी जानी चाहिए।एक ही जनरेशन में आप रिफ्यूजी भी थे और एक ही जनरेशन में इतने बड़े बिजनेस ग्रुप के चैयरमेन। हमने राइटर्स का एक ग्रुप चुना, लेकिन उसी साल पिताजी और उनके दो भाइयों का निधन हो गया। बुक की रिक्वेस्ट फिर भी आती रही। तो हमने सोचा ये करना चाहिए।

हीरो फैमिली बिजनेस के रूप में जाना जाता है, इसकी चुनौतियां और फायदे क्या हैं?

दुनिया के हर फैमिली बिजनेस की अपनी दिक्कतें है, लेकिन सबसे बड़ा फायदा है कि आप निर्णय जनरेशन के स्तर पर कर सकते हैं। हर क्वार्टर में आपको किसी को रिपोर्ट नहीं देनी होती। मालिकान और मैनेजमेंट के बीच में जो दीवार है वो मिट जाती है। फिर परिवार ये उम्मीद करने लगता है कि अगर मेरे नाम के पीछे ये नाम लगा है तो मैं इस कंपनी का मैनेजर तो बनूंगा ही।तब शायद आप अच्छा टैलेंट छोड़कर अपनी फैमिली का कोई बच्चा वहां लगा देते हैं। इससे शायद बिजनेस को नुकसान होता है। फैमिली में फैसले लेने वाले कौन? ये तय नहीं होता। क्योंकि प्रभावित करने वाले बहुत लोग होते हैं।

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आपका अपना बिजनेस हीरो कौन है?

देश के बिजनेस टायकून्स की बात करें मेरे हीरो मेरे पिता रहे हैं। उनके अलावा देश में बिजनेस कल्चर बनाने वाले टाटा और जीडी बिड़ला। उन्होंने ये बताया कि बिजनेस को प्रॉफिट ही नहीं जिम्मेदारी भी देखनी चाहिए।नारायण मूर्ति जिन्होंने दिखाया की जीरो से ग्लोबल इंडस्ट्री क्रिएट कर सकते हैं। सुनील मित्तल, जिन्होंने बगैर किसी ट्रेनिंग के ऐसी इंडस्ट्री बनाई कि मुल्क को बदल डाला। ये सभी मेरे लिए इंस्पिरेशन हैं। मुझे वो लीडर पसंद आते हैं, जो कंपनी को लीडर बनाते हैं, लेकिन सिर्फ अपने और प्रॉफिट के बारे में नहीं सोचते औरों का भी सोचते हैं।

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