khaskhabar/Ukraine Crisis :यूक्रेन पर रूस के हमले के मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को 193 सदस्यीय महासभा के विशेष आपात सत्र की बैठक बुलाई। ऐसा सत्र बेहद दुर्लभ बुलाया जाता है। इसमें 15 सदस्यीय परिषद की ओर से मतदान कराया गया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की आपात बैठक बुलाई जाए या नहीं इसको लेकर वोटिंग हुई
यह प्रतिक्रियात्मक मतदान था जिसमें रूस अपने वीटो का प्रयोग नहीं कर सकता था। बैठक में यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की आपात बैठक बुलाई जाए या नहीं इसको लेकर वोटिंग हुई। समाचार एजेंसी 11 मतों से पारित प्रस्ताव पर भारत मतदान प्रक्रिया से बाहर रहा।
चीन और UAE समेत कुल तीन देशों ने मतदान से बाहर रहने का फैसला किया
भारत के अलावा इस बार भी चीन और UAE समेत कुल तीन देशों ने मतदान से बाहर रहने का फैसला किया। बैठक में कुल 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। वहीं रूस ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस विशेष सत्र में पांच स्थायी सदस्यों के साथ 10 अस्थायी सदस्यों ने भी भाग लिया।इससे पहले UNSC की बैठक हुई थी जिसमें रूस की सख्त आलोचना करने वाला प्रस्ताव लाया गया था।
अनिश्चित स्थितियों से हमारे नागरिकों की निकासी के प्रयासों पर प्रभाव पड़ा
उस प्रस्ताव पक्ष में 11 देशों ने मतदान किया था जबकि भारत, चीन और यूएई वोटिंग से अनुपस्थित रहे थे। रूस ने प्रस्ताव को रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल किया था।चर्चा के दौरान UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि सीमा पार से संघर्ष और अनिश्चित स्थितियों से हमारे नागरिकों की निकासी के प्रयासों पर प्रभाव पड़ा है। यह मानवीय जरूरत है जिस पर विचार किया जाना चाहिए।
सभी पक्षों से हिंसा बंद करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं
मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत ने आज भी मतदान से खुद को बाहर रखने का फैसला किया है।तिरुमूर्ति ने कहा कि हम सभी पक्षों से हिंसा बंद करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। हम दोनों पक्षों की ओर से बेलारूस सीमा पर वार्ता करने की घोषणा का स्वागत करते हैं। हम यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।
रूस को नाटो से कोई खतरा नहीं
वहीं अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा है। वे ऐसा तब कर रहे हैं जब रूस को नाटो से कोई खतरा नहीं है। पुतिन बिना परमाणु हथियार वाले देश पर हमला कर रहे हैं। हम एक ऐसे प्रस्ताव पर मतदान करेंगे जो रूस को उसके अक्षम्य कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराएगा।
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रूसी सैनिकों के शवों को वापस स्वदेश भेजने के अनुरोधों से अवगत
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र से मिली की खबर के अनुसार रेड क्रास की अंतरराष्ट्रीय समिति (आइसीआरसी)का कहना है कि वह यूक्रेन के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत और अन्य लोगों द्वारा यूक्रेन में कार्रवाई में मारे गए रूसी सैनिकों के शवों को वापस स्वदेश भेजने के अनुरोधों से अवगत है। किस्लिट्स्या ने ट्वीट किया कि रूस में माता-पिता के पास उन्हें गरिमा के साथ दफनाने का मौका होना चाहिए।
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