Khaskhabar/विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 18 अगस्त से 19 अगस्त तक चलने वाली यूएनएससी की उच्च स्तरीय बैठक के तहत बुधवार को अध्यक्षता की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम के तहत बुधवार को संरक्षकों की रक्षा: प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना पर खुली बहस हुई। इस खुली बहस में एस जयशंकर ने कहा कि भारत यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म ( यूएनएससी ) के रोलआउट में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन कर रहा है।

खतरों से निपटने के लिए चार सूत्रीय ढांचे के परिचालन की भी बात कहीं
अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण में शांति स्थापना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। खतरों से निपटने के लिए चार सूत्रीय ढांचे के परिचालन की भी बात कहीं। चार सूत्रीय ढांचे में लागत प्रभावी प्रौद्योगिकियां, एक खुफिया नींव, निरंतर तकनीकी सुधार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शांति सैनिकों के निरंतर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शामिल हैं।
भारत यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म के रोलआउट में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन
एस जयशंकर ने बैठक में बताया कि इस साल मार्च में भारत सरकार ने दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के कर्मियों के लिए 2,00,000 कोविड-19 वैक्सीन प्रदान की थीं। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उनको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म के रोलआउट में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन कर रहा है। यह पहल इस उम्मीद पर आधारित है कि वास्तविक समय के आधार पर एक संपूर्ण शांति अभियान की कल्पना, समन्वय और निगरानी की जा सकती है।
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दूसरा कार्यक्रम 19 अगस्त को यानी गुरुवार को होगा
न्होंने आगे कहा कि तकनीकी सुधार निरंतर किया जाना चाहिए, यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिक पर किसी भी हमले का अनुमान लगाया जा सकें, रोका जा सकें या तुरंत कार्यवही की जा सकें।बता दें कि दो दिनों तक चलने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएनएससी के कार्यक्रम तहत बुधवार को संरक्षकों की रक्षा: प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना पर एक खुली बहस हुई, जबकि दूसरा कार्यक्रम 19 अगस्त को यानी गुरुवार को होगा जिसमें आतंकवादियों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पर एक उच्च स्तरीय ब्रीफिंग होगी।