India and Pakistan almost agree on modalities for providing aid to Afghanistan
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भारत और पाकिस्तान अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाने के तौर-तरीकों पर लगभग सहमत

Khaskhabar/अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाने के लिए भारत ने पाकिस्तान को अफगान ठेकेदारों और ट्रक ड्रइवरों की एक सूची सौंप दी है। भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को मानवीय मदद देने में भारत के सामने अब तक पाकिस्तान ने अड़ंगा लगा रखा था।लेकिन अब दोनों पड़ोसी देश अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने को लेकर सहमति के बेहद करीब पहुंच गए हैं।

Khaskhabar/अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाने के लिए भारत ने पाकिस्तान को अफगान ठेकेदारों और ट्रक ड्रइवरों की एक सूची सौंप दी है। भीषण आर्थिक संकट से जूझ
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पाकिस्तान ने भारत की ओर से गेहूं अफगानिस्तान पहुंचाने को लेकर कुछ शर्ते लगाई थीं

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान सहायता पहुंचाने के तौर-तरीकों पर लगभग सहमत हैं।पाकिस्तान ने भारत की ओर से गेहूं अफगानिस्तान पहुंचाने को लेकर कुछ शर्ते लगाई थीं। पाकिस्तान इसी के तहत भारत से गेहूं लेकर जाने वाले ठेकेदारों और ट्रक ड्राइवरों के नामों की सूची मंजूर करेगा। तभी मानवीय सहायता का यह कारवां आगे ब़़ढेगा और अफगानिस्तान के लोगों को भोजन मुहैया होगा।

पाकिस्तान से इसके लिए वाघा बार्डर के रास्ते गेहूं पहुंचाने के लिए रास्ता मांगा

दरअसल, भारत ने इसी साल अक्टूबर में अफगानिस्तान को बतौर मानवीय सहायता 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने की घोषषणा की थी। साथ ही पाकिस्तान से इसके लिए वाघा बार्डर के रास्ते गेहूं पहुंचाने के लिए रास्ता मांगा था।मौजूदा समय में पाकिस्तान ने केवल अफगानिस्तान को अपना सामान भारत में निर्यात करने की अनुमति दी है। लेकिन भारतीय सीमा से वह दो तरफा कारोबार की इजाजत नहीं देता है।

भारत को युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में गेहूं भेजने की इजाजत

हालांकि इमरान खान की सरकार ने पिछले महीने ही अफगानिस्तान के साथ अंतर मंत्रालयी संयोजन कोष की बैठक में इस फैसले में थोड़ी ढील दी। साथ ही पहली सर्वोच्च कमेटी की बैठक में कहा कि पाकिस्तान अब भारत को युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में गेहूं भेजने की इजाजत देता है। हालांकि, पाकिस्तान ने यह भी कहा कि यह छूट केवल मौजूदा आपात स्थिति को देखते हुए दी जा रही है। भविष्य में ऐसी कोई छूट नहीं दी जाएगी।

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97 फीसद अफगान नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे चले जाएंगे

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार 2.30 करोड़ अफगान खाद्यान्न संकट से जूझ रहे हैं। लाखों बच्चों को कुपोषण का सामना करना पड़ रहा है। यूएनडीपी के अनुसार अगले साल जून तक कोई कदम नहीं उठाए गए तो 97 फीसद अफगान नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे चले जाएंगे।

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