कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में स्थित प्रसिद्ध हिंदू मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखने का मामला सामने आया है, जिससे कनाडा में रहने वाले भारतीय समुदाय में गहरी नाराजगी है। इस पर टोरंटो में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने ब्रैम्पटन के प्रसिद्ध गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ और मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखने वाली घटना की निंदा की और एक बयान जारी कर कहा कि ‘मंदिर में तोड़फोड़ से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। हमने कनाडा सरकार के अधिकारियों के सामने ऐसी घटनाओं पर अपनी चिंता जाहिर की है’।

पहले बीते साल जुलाई में भी कनाडा में इस तरह के कई मामले सामने आ
कनाडा के अधिकारी फिलहाल इस घटना की जांच कर रहे हैं। बता दें कि कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले बीते साल जुलाई में भी कनाडा में इस तरह के कई मामले सामने आए थे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी बीते साल सितंबर में बयान जारी कर इन घटनाओं पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि भारतीयों के खिलाफ घृणा अपराध और कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों में तेजी आई है। भारत ने कनाडा सरकार से इन घटनाओं की ठीक से जांच करने की मांग की थी।
साल 2019 से लेकर 2021 के बीच,घृणा अपराध के मामले 72 फीसदी बढ़े
कनाडा के नेशनल स्टेटिक्स ऑफिस की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में साल 2019 से लेकर 2021 के बीच धर्म, लैंगिक पहचान और नस्ल को लेकर घृणा अपराध के मामले 72 फीसदी बढ़े हैं। इससे अल्पसंख्यकों में डर का माहौल है। खासकर भारतीय समुदाय का इस पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। बता दें कि कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की तादाद करीब चार फीसदी है और यह कनाडा में तेजी से विकास करने वाला समूह है।
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ऑस्ट्रेलिया में भी बीते दिनों तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं
खालिस्तान समर्थकों की तरफ से कनाडा में भारतीय समुदाय पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं, जिसे भारतीय अधिकारियों ने कनाडा की सरकार के सामने उठाया है। ना सिर्फ कनाडा बल्कि ऑस्ट्रेलिया में भी बीते दिनों तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और उनकी दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखने की घटनाएं हुईं थी। खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े लोग ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका में भी भारत विरोधी गतिविधियां चला रहा है।
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