khaskhabar/गायों में लंपी वायरस के अलावा सूअरों में स्वाइन फ्लू भी बड़ी तेजी से फ़ैल रहा है, जिससे काफी मवेशियों की मौत हो रही है और खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. क्योंकि कुछ पशुपालक इन मृत पशुओं को दफनाने की बजाए नहरों में फेंक रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना काफी बढ़ गई है. रोहतक से दो नहर निकलती हैं, एक का नाम जवाहरलाल नेहरू कैनाल है और दूसरी भालौठ सब-ब्रांच के नाम से जानी जाती है.

तकरीबन 200 से ज्यादा पशुओं को नहर से निकाला जा चुका
पिछले लगभग 15 दिन से इन दोनों नहरों में मृत पशुओं को फेंका जा रहा है और हालात यह बन गए हैं कि अब तक तकरीबन 200 से ज्यादा पशुओं को नहर से निकाला जा चुका है.लेकिन नहर में बहकर आने वाले मृत पशुओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा.
10 अगस्त के आसपास से यह सिलसिला लगातार जारी
आशंका जताई जा रही है कि ये मृत पशु लंपी वायरस या स्वाइन फ्लू की चपेट में आए हैं. उसके बाद इनकी मौत होने के बाद इनको नहरों में फेंका जा रहा है, जो कि पीछे से बहकर आ रहे हैं और यहां पर साइफन में फंस जाते हैं.सुनो नहरों की पुकार मिशन के पदाधिकारी डा. जसमेर सिंह ने बताया कि 10 अगस्त के आसपास से यह सिलसिला लगातार जारी है.
मृत पशुओं को निकाल कर इन्हें हर रोज दफनाया जाता
हर रोज दोनों नहरों में मृत सूअर और गाय मिल रहे हैं, जो कि पीछे से बहकर आ रहे हैं. इन नहरों से कई जिलों में पेयजल सप्लाई होता है, जिससे पानी तो प्रदूषित होता ही है साथ ही पशुओं में भी बीमारी फैलने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. जिला प्रशासन को शिकायत करने के बाद अब इन मृत पशुओं को निकाल कर इन्हें हर रोज दफनाया जाता है, लेकिन इन पर अभी तक रोक नहीं लग पाई है.
पशु पालकों को चाहिए कि अगर कोई मवेशी बीमारी के चलते मर जाता है
वहीं, इस बारे में पशु विशेषज्ञ डा. राजेन्द्र सिंह ने बताया कि जिस तरह से मृत पशुओं को नेहरों में फेंका जा रहा है, वह ठीक नहीं है इससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है. पशु पालकों को चाहिए कि अगर कोई मवेशी बीमारी के चलते मर जाता है तो उसे जमीन के अंदर गड्ढा खोदकर दफनाना चाहिए, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके .
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अभी तक पता लगाने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा
फिलहाल रोहतक में हालात ऐसे हैं कि नहरों में किसी भी वक्त आपको मृत मवेशियों के शव तैरते हुए नजर आ जाएंगे. लेकिन ये कहां से आ रहे हैं, इसके बारे में अभी तक पता लगाने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है और पिछले 15 दिन से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है.
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