Khaskhabar/शिक्षा मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों व आनलाइन गेमिंग को लेकर आगाह किया गया है। इसमें सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव का भी जिक्र किया गया है।कोरोना संकटकाल में इंटरनेट, मोबाइल और कंप्यूटर भले ही बच्चों की आनलाइन पढ़ाई का बड़ा माध्यम बनकर उभरे हैं, लेकिन अब इनके भारी दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। इनसे बच्चों में आनलाइन गेमिंग की लत बढ़ रही है।

माता-पिता और शिक्षकों को इसे लेकर सतर्क किया गया
ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों से जुड़े बच्चों को इससे बचाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें माता-पिता और शिक्षकों को इसे लेकर सतर्क किया गया है। साथ ही इंटरनेट, मोबाइल या कंप्यूटर पर कामकाज के दौरान बच्चों पर पूरी नजर रखने की सलाह दी गई है।
आनलाइन गेमिंग की बनावट ही कुछ ऐसी होती
शिक्षा मंत्रालय से जुड़े स्कूली शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को यह एडवाइजरी ऐसे समय जारी की, जब बच्चों की आनलाइन पढ़ाई पर निर्भरता बढ़ गई है। एडवाइजरी में कहा गया है कि आनलाइन गेमिंग की बनावट ही कुछ ऐसी होती है, जिसमें बच्चे ने धोखे से भी एक बार प्रवेश किया तो फिर बाहर निकलना मुश्किल होता है। ऐसे में माता-पिता को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
शातिर अपराधियों ने बच्चों के साथ आनलाइन गेम में जुड़कर गोपनीय जानकारी हासिल की
हाल ही में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें बच्चों की आनलाइन गेमिंग की लत के कारण परिवार का पूरा बैंक खाता ही साइबर अपराधियों ने साफ कर दिया। शातिर अपराधियों ने बच्चों के साथ आनलाइन गेम में जुड़कर गोपनीय जानकारी हासिल की। फिर वारदात को अंजाम दिया। यही नहीं, बच्चों के स्वास्थ्य पर भी आनलाइन गेम का काफी दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है।
आनलाइन पढ़ाते समय उनके व्यवहार आदि पर ध्यान रखने की सलाह
एडवाइजरी में कहा गया है कि कोशिश करें कि आपका बच्चा उसी कंप्यूटर या लैपटाप के जरिये पढ़ाई करे, जिसका इस्तेमाल परिवार के लोग करते हैं। एडवाइजरी में शिक्षकों से बच्चों को इंटरनेट आदि के इस्तेमाल को लेकर सतर्क करने और आनलाइन पढ़ाते समय उनके व्यवहार आदि पर ध्यान रखने की सलाह दी गई है। कुछ भी संदेहास्पद मिलने पर तुरंत स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढ़े —स्वास्थ्य मंत्रालय ने संसद को दी जानकारी,दूसरी डोज के नौ महीने बाद ही बूस्टर डोज की पड़ेगी जरूरत
किसी तरह की दिक्कत होने पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है
एडवाइजरी में किसी तरह की दिक्कत या फ्राड होने पर मदद के लिए ¨लक भी दिया गया है। किसी तरह की दिक्कत होने पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके लिए नेशनल हेल्पलाइन और राज्यस्तरीय नोडल आफिसर का लिंक उपलब्ध है।