Khaskhabar/उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का कहर जारी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट भी इसको लेकर चिंतित है। कोर्ट ने सोमवार को ही सरकार को हर जिले में 20 एंबुलेंस और हर गांव में 2 ICU वाली एंबुलेंस तैनात करने का आदेश दिया है। कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) और प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) में भी सुविधाएं बढ़ाने को कहा है।

गांव के हरिशंकर सिंह बताते हैं कि यहां मरने वालों को पहले बुखार आता है, फिर खांसी शुरू होती है और मरीज की सांस फूलने लगती है। जब तक इलाज के लिए ले जाते हैं उनकी मौत हो जाती है।
6 गांवों में 145 से ज्यादा लोगों की मौत
मंगलवार को गोरखपुर, अमेठी, कानपुर, बुलंदशहर और बागपत के 6 बड़े गांवों में हालात का जायजा लिया। इन ग्रामीण इलाकों में लोग दहशत में हैं। महज एक महीने के अंदर इन 6 गांवों में 145 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनमें ज्यादातर को बुखार आया था। लोगों ने सांस फूलने की शिकायत की और एक से दो दिन में ही उनकी जान चली गई।
कानपुर के टिकरा में अब तक 17 लोगों ने जान गंवाई
शिवली रोड पर बसे टिकरा गांव में अब तक 17 मौतें हो चुकी हैं। पहली मौत 15 अप्रैल को हुई थी। 4,700 आबादी वाले इस गांव में हर दिन किसी न किसी की जान जा रही है। इन मौतों के बाद गांव में दहशत है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अब तक इस गांव में नहीं पहुंचा है। यहां हर दूसरे-तीसरे घर में किसी न किसी को बुखार और खांसी हो रही है।
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गांव में 30 साल के लोग ज्यादा संक्रमित
बुलंदशहर के कुंवरपुर गांव में 15 दिन के अंदर 28 लोगों की मौत हो चुकी है। गांव वालों का आरोप है यहां स्वास्थ्य विभाग कोई जांच नहीं कर रहा, इसलिए पता भी नहीं चल रहा कि किसे कोरोना है, किसे नहीं है। गांव की शगुन ने बताया कि हमारे गांव में 30 साल के लोग ज्यादा संक्रमित हैं। ज्यादातर लोगों की मौत हो रही है। CHC-PHC बंद रहते हैं। यहां अब सिर्फ लोगों को घरों में रहने के लिए हिदायत दी जा रही है।
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