Khaskhabar/वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था में बाधा आने से नई चिंताएं पैदा हो गई हैं। चीन की समुद्री सीमा के भीतर उसके माल लदे जहाज स्क्रीन से तेजी से गायब हो रहे हैं। यह सिलसिला बीते तीन हफ्तों से जारी है। जहाजों का ट्रैकिंग डाटाकंट्रोल रूम को प्राप्त नहीं हो रहा है। इससे उनकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

जहाज को दुनिया में कहीं भी ट्रैक किया जा सकता है
ऐसा जहाजों के दुर्घटनाग्रस्त के कारण हो रहा है या तकनीक गड़बड़ी के कारण, पता नहीं चल सका है।माल की ढुलाई से जुड़ी ज्यादातर कंपनियां अपने जहाजों में आटोमैटिक आइडेंटीफिकेशन सिस्टम (एआइएस) फिट कराती हैं। इस सिस्टम के चलते जहाज को दुनिया में कहीं भी ट्रैक किया जा सकता है। इस सिस्टम से मालवाहक पोत की स्थिति, चलने की गति आदि की जानकारी स्वामी कंपनी को हर समय मिलती रहती है।
महामारी से प्रभावित वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था में सबसे बड़े उत्पादक
इससे माल के आयात-निर्यात के संबंध में सही जानकारी कंपनी को रहती है जिसका व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ता है।कोविड-19 महामारी से प्रभावित वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था में सबसे बड़े उत्पादक देश चीन के जहाजों का स्टेटस गायब होना चिंता का विषय बन गया है। जहाज से जुड़ी ये जानकारियां हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो के जरिये प्राप्त होती हैं। ये संदेश समुद्र तटों पर स्थित स्टेशनों के जरिये कंपनियों को प्राप्त होते हैं।
चीन के जहाजों के सिग्नल पूरी तरह से लापता
जब ये स्टेशन रेडियो सिग्नल नहीं पकड़ पाते हैं तो सेटेलाइट के जरिये सिग्नल प्राप्त किए जाते हैं लेकिन चीन के जहाजों के सिग्नल पूरी तरह से लापता हैं। इससे इनके सही-सलामत होने की आशंका भी पैदा हो जाती है। इससे पहले अक्टूबर में चीन का बिजली संकट पूरी दुनिया के बाजारों के लिए चिंता का विषय बना था।
कंपनी वेसेल्स वैल्यू के अनुसार चीन के जहाजों से भेजी
अमेरिकी मीडिया हाउस सीएनएन के लिए लौरा ही ने इस बाबत विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की है।रिपोर्ट के अनुसार दुनिया को शिपिंग डाटा उपलब्ध कराने वाली कंपनी वेसेल्स वैल्यू के अनुसार चीन के जहाजों से भेजी जाने वाली 90 प्रतिशत सूचनाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं।
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चीन के सरकारी जनसंपर्क कार्यालय ने इस बाबत पूछे गए सवाल
चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार एआइएस के जो स्टेशन चीन में बने हैं, वे पूर्व की भांति कार्य कर रहे हैं लेकिन उन्हें सूचनाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं जबकि चीन के सरकारी जनसंपर्क कार्यालय ने इस बाबत पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दे रहा है।