Khaskhabar/पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके में भारत और चीन के बीच लगभग 15 महीने के गतिरोध के बाद दोनों देशों के सैनिक टकराव वाले स्थान से पीछे हट गए हैं। चीनी सेना ने गोगरा में बने अस्थायी निर्माण भी हटा लिए हैं। इसके साथ ही भारतीय सैनिकों ने भी अस्थायी निर्माण हटा लिए हैं। भारतीय सेना ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि गोगरा इलाके में गतिरोध से पहले की स्थिति बहाल हो गई है।

दोनों पक्षों ने अपने सैनिक टकराव वाले स्थान से पीछे हटा लिए
चार और पांच अगस्त को दोनों पक्षों ने अपने सैनिक टकराव वाले स्थान से पीछे हटा लिए। अब दोनों देशों के सैनिक अपने स्थायी शिविर में हैं। गोगरा को पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी)-17ए के नाम से भी जाना जाता है।सेना ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे हटा लिए हैं। दोनों पक्षों ने इसका सत्यापन भी कर लिया है।
(एलएसी) की कड़ाई से निगरानी और दोनों पक्षों द्वारा इसका सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा
इस इलाके में गतिरोध से पहले की स्थिति बहाल हो गई है। बयान के मुताबिक, सैनिकों की वापसी को लेकर बनी सहमति के तहत गोगरा में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की कड़ाई से निगरानी और दोनों पक्षों द्वारा इसका सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा। कोई भी पक्ष इसकी स्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं लाएगा।
चुशुल मोल्डो में 12वें दौर की वार्ता
समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, सेना ने कहा कि 31 जुलाई को भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित चुशुल मोल्डो में 12वें दौर की वार्ता हुई थी। इसमें दोनों देशों ने एलएसी पर बाकी इलाकों से सैनिकों की वापसी पर विचारों का आदान-प्रदान किया था। इस बातचीत में बनी सहमति के आधार पर दोनों देशों ने गोगरा इलाके से सैनिकों को हटाने का फैसला किया।
पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर बाकी बचे मुद्दों का समाधान करने के लिए करेंगे बातचीत
सेना ने कहा कि इसके साथ ही इलाके में गतिरोध का एक और संवेदनशील मामला सुलझा लिया गया है। दोनों पक्षों ने इस बात को लेकर प्रतिबद्धता जताई है कि पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर बाकी बचे मुद्दों का समाधान करने के लिए वे बातचीत करेंगे। बयान में कहा गया है कि आइटीबीपी के साथ भारतीय सेना देश की संप्रभुता और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति कायम रखने को लेकर प्रतिबद्ध है। सेना ने कहा कि दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से गोगरा में अग्रिम तैनाती बंद कर दी है।
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एलएसी के सरहदी इलाकों में यथास्थिति में किसी भी प्रकार का एकतरफा बदलाव स्वीकार्य नहीं
गौरतलब है कि भारत ने पहले ही कहा था कि एलएसी के सरहदी इलाकों में यथास्थिति में किसी भी प्रकार का एकतरफा बदलाव स्वीकार्य नहीं होगा… हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई सैन्य स्तर की 12वें दौर की बातचीत में भारत ने चीन से साफतौर पर कह दिया कि वह पूर्वी लद्दाख के हाट स्प्रिंग, गोगरा और अन्य टकराव के बिंदुओं से अपने सैनिकों और हथियारों को तुरंत हटाए। भारत लगातार इस पर जोर देता रहा है कि दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय और सामान्य संबंधों की बहाली के लिए देपसांग, हाट स्प्रिंग और गोगरा समेत सभी मुद्दों का समाधान जरूरी है।