Central government will set up two container based mobile hospitals, all health facilities will be in 100 bed hospitals
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केंद्र सरकार कंटेनर आधारित दो सचल अस्पताल करेगी स्थापित,100 बेड अस्पतालों में होंगी सभी स्वास्थ्य सुविधाएं

Khaskhabar/केंद्र सरकार कंटेनर आधारित दो सचल अस्पताल स्थापित करेगी। 100-100 बेड इन अस्पतालों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। यह जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत ये अस्पताल स्थापित किए जाएंगे।

Khaskhabar/केंद्र सरकार कंटेनर आधारित दो सचल अस्पताल स्थापित करेगी। 100-100 बेड इन अस्पतालों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। यह जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख
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इन्हें आपात स्थिति में किसी भी स्थान पर ले जाया जा सकेगा।मांडविया ने बताया कि इनमें से एक अस्पताल दिल्ली और एक चेन्नई में स्थापित किया जाएगा। इन अस्पतालों को आपात स्थिति में हवाई मार्ग से या ट्रेन के जरिये कहीं भी ले जाया जा सकता है।

स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करने का अवसर

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र के प्रति ‘प्रतीकात्मक’ नहीं, बल्कि ‘समग्र’ दृष्टिकोण अपनाया है।’ उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करने का अवसर दिया है और इसके लिए 64,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ की शुरुआत की गई।

एक अन्य समिति के पास भेजा गया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोवैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल के लिए विश्र्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा स्वीकृत सूची (ईयूएल) में शामिल किए जाने के मामले पर कहा कि डब्ल्यूएचओ की एक प्रणाली है, जिसमें एक तकनीकी समिति होती है, जिसने कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है और अब इसके आकलन के लिए इसे एक अन्य समिति के पास भेजा गया है। उन्होंने कहा, ‘दूसरी समिति की बैठक के आधार पर कोवैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी।’ उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के इतर कहा कि उन्हें टीके को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

देश में लगभग 79,415 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे

मांडविया ने यह भी कहा कि देश में लगभग 79,415 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं और इस प्रकार के कुल 1.5 लाख केंद्र संचालित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर अच्छी प्रयोगशालाएं होनी चाहिए, भले ही वह जिला स्तर हो या राष्ट्रीय स्तर।

विभिन्न स्वरूपों का अध्ययन एवं विश्लेषण कर रहे

मांडविया ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बच्चों के टीके जायकोव-डी की कीमत पर विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कोरोना के नए स्वरूप एवाई.4.2 के बारे में कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के दल संक्रमण के विभिन्न स्वरूपों का अध्ययन एवं विश्लेषण कर रहे हैं।

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औसतन 90 से 100 करोड़ रुपये का खर्च स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर खर्च

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन एक ऐसी ‘महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत एक जिले में औसतन 90 से 100 करोड़ रुपये का खर्च स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाएगा जिसकी मदद से हम आने वाले समय में किसी भी आपदा से लड़ने में सक्षम होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इस योजना के तहत जिला स्तर पर 134 प्रकार की जांच नि:शुल्क की जाएंगी, जो एक बड़ा कदम है।’

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