Khaskhabar/Ahoi Ashtami 2020:करवा चैथ के बाद अब अहोई अष्टमी पर्व को लेकर दुकानें सजनी शुरू हो गई है। दीपावली से एक सप्ताह पूर्व मनाए गए जाने वाले अहोई पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है। रविवार को मनाये जाने वाले पर्व को लेकर अहोई माला में डाले जाने वाले चांदी के साव बच्चों की जगह-जगह दुकानें लग गई है। महिलाएं बच्चों की लंबी उम्र के लिए इस दिन व्रत रखती है। अहोई माता के चित्रों की बिक्री भी जारी है। इसके साथ ही दीपावली की तैयारियां भी सजावट शुरु हो गई है। त्यौहारों के कारण घरों में रंगाई पुताई का काम भी चल रहे है। बाजार में नए-नए डिजाइनों के बिजली के सामान उपलब्ध है। मंहगाई की मार का असर दीपावली पर्व पर भी पडऩे की संभावना जताई जा रही है।

कार्तिक कृष्ण अष्टमी के नाम से भी जाना जाता
अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता अपने पुत्र की लंबी आयु और उनकी समृद्धि के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं। यह पूजा कार्तिक मास में पड़ने वाले अष्टमी को मनाया जाता है। इस व्रत को कार्तिक कृष्ण अष्टमी के नाम से भी जाना जाता हैं। इस पूजा की ऐसी मान्यता है कि अगर माता अपने पुत्र के लिए यह व्रत श्रद्धा भाव के साथ करती है, तो अहोई मां उन पर प्रसन्न होकर उनके बच्चों की सलामती का आशीर्वाद देती है।

इस व्रत में अहोई माता के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन मां अपने बच्चे के दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती है और रात में तारों को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। आपको बता दें कि यह व्रत नि:संतान स्त्रियां भी संतान प्राप्ति हेतु करती है। यहां आप देख सकते है अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि।
धनतेरस से शुरू त्योहार..सजेगा हर घर-द्वार
भारतीय परंपरा में तीज-त्योहारों का विशेष महत्व है। यह भारतीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं। यहां के तीज- त्योहार दुनियाभर में उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। भारतीय संस्कृति में दीपावली सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। यह सुख-समृद्धि व संपन्नता का पर्व है। 12 नवंबर धनतेरस से ही दीपावली पर्व की श्रृंखला शुरू हो जाती है।
करवाचौथ के बाद अब हर कोई पांच दिवसीय दीपावली महापर्व की तैयारियों में गया है। धनतेरस से महापर्व शुरू हो जाएगा। आचार्य लवकुश शास्त्री का कहना है कि धनतेरस को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इस दिन प्रदोष व हस्त नक्षत्र योग रहेगा। धनतेरस को वाहन, भूमि, भवन, आभूषण व वस्त्र आदि की खरीदारी करना मंगलकारी रहता है। 13 नवंबर को नरक चतुर्दशी है, इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं। इस दिन हनुमानजी का पूजन करते हैं। 14 नवंबर को दीपावली पर्व मनाया जाएगा। दीपावली महापर्व पर सूर्योदय के साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग शुरू हो जाएगा।
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Ahoi Ashtami 2020:दीपावली महापर्व पर सूर्योदय के साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग शुरू
दीपावली शनिवार को है, जो अनंत फल की प्राप्ति के साथ लक्ष्मी प्रदान करने वाला है। पूजन का समय शाम 5:30 बजे से 7:27 के बीच शुभ मुहुर्त रहेगा। वृष लगन व प्रदोष काल रहेगा। जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। लक्ष्मी पूजा के साथ इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व रहता है। 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा है। ब्रज का प्रमुख पर्व है। 16 नवंबर को भैया दूज मनाया जाएगा। इसको यम द्वितीया और चित्रगुप्त पूजा के लिए भी विशेष पर्व मानते हैं।
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