Khaskhabar/कोरोना महामारी की तीसरी लहर महानगरों के बाद अब छोटे शहरों और गांवों में फैलेगी। भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium, INSACOG) का कहना है कि देश में ओमिक्रोन अपने सामुदायिक प्रसारण यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के चरण में है। यह कई महानगरों में प्रभावी हो गया है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में ओमिक्रोन के चलते पैदा हुई कोरोना महामारी की तीसरी लहर महानगरों के बाद अब छोटे शहरों और गांवों में फैलेगी।

कोविड-19 की लहर पहले उच्च गतिशीलता वाले क्षेत्रों को प्रभावित करती है
विशेषज्ञों की मानें तो हर बार महामारी की लहर ऐसा ही प्रदर्शन करती है।केरल के कोच्चि स्थित आइएमए में कोरोना टास्क फोर्स के सलाहकार डा. राजीव जयदेवन (Dr Rajeev Jayadevan) ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि हर बार कोविड-19 की लहर पहले उच्च गतिशीलता वाले क्षेत्रों को प्रभावित करती है जिसमें मेट्रो शहर शामिल होते हैं। इसके बाद छोटे क्षेत्रों और गांवों का नंबर आता है।
लहर अगले कुछ हफ्तों के भीतर छोटे शहरों या कस्बों और गांवों का रुख करेगी
ऐसे में ओमिक्रोन संचालित लहर अगले कुछ हफ्तों के भीतर छोटे शहरों या कस्बों और गांवों का रुख करेगी। यह एक प्रवृत्ति है जिसे दुनिया भर में देखा गया है।यह पूछे जाने पर कि क्या ओमिक्रोन कोरोना के दूसरे वैरिएंट की जगह ले सकता है और क्या यह आने वाले दिनों में एक सामान्य सर्दी के रूप में तब्दील हो जाएगा…
आंकड़ों पर गौर करें तो तमाम वेरिएंट का प्रकोप थमता नजर आएगा
डा. राजीव जयदेवन (Dr Rajeev Jayadevan) ने कहा- यह असल सचाई नहीं है यदि आप पिछले दो वर्षों में महामारी के आंकड़ों पर गौर करें तो तमाम वेरिएंट का प्रकोप थमता नजर आएगा। महामारी से साथ ऐसा होता है कि कोई भी वैरिएंट लंबे समय तक प्रभावी नहीं रह सकता है। हां इनके छिटपुट मामले सामने आ सकते हैं।डा. राजीव जयदेवन (Dr Rajeev Jayadevan) ने कहा- पहली लहर वुहान वैरिएंट थी।
इस साल हम ओमिक्रोन की चपेट में आ गए हैं
दूसरी बीटा, तीसरी डेल्टा और चौथी ओमिक्रोन है। भारत की बात करें तो मार्च 2021 में हम मूल वुहान वैरिएंट से प्रभावित हुए थे। फिर पिछले साल हम डेल्टा की चपेट में आ गए। अब इस साल हम ओमिक्रोन की चपेट में आ गए हैं। पिछले आंकड़ों के आधार पर हम कह सकते हैं कि ओमिक्रोन थोड़ी देर प्रभावी रहेगा। इसके डेल्टा वैरिएंट की तरह लंबे समय तक प्रभावी रहने की संभावना नहीं है।डा. जयदेवन ने कहा कि इस समय दोनों वैरिएंट समान व्यवहार कर रहे हैं। इनमें से कोई भी एक दूसरे से अधिक खतरनाक नहीं है।
अब जब ओमिक्रोन फैल रहा है अधिकांश लोगों को टीका लग चुका है
देश में जब डेल्टा वैरिएंट ने दस्तक दी थी तो हमारी आबादी का एक बड़ा वर्ग डर गया था। लोगों ने पहले कभी भी ऐसा वायरस नहीं देखा था। यही नहीं लोगों का टीकाकरण नहीं हो पाया था। अब जब ओमिक्रोन फैल रहा है अधिकांश लोगों को टीका लग चुका है। यही नहीं लोग भी पहले से जागरूक हो गए हैं। अब हर कोई जानता है कि ओमिक्रोन डेल्टा से अलग व्यवहार करता है।
यह केवल विदेशों से आने वाले यात्रियों से ही नहीं फैल रहा
वहीं मैक्स अस्पताल के प्रमुख निदेशक और पल्मोनोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर विवेक नांगिया (Dr Vivek Nangia) ने कहा कि लोगों में कोविड-19 के लक्षण तब भी विकसित हो रहे हैं जब वे बाहर नहीं जा रहे हैं। इससे साफ है कि ओमिक्रोन एक ऐसे चरण में चला गया है जहां यह केवल विदेशों से आने वाले यात्रियों से ही नहीं फैल रहा है। जिन लोगों ने बाहर की यात्रा नहीं की है और यहां तक कि जो अपने घर से भी नहीं निकले हैं उनमें भी लक्षण विकसित हो रहे हैं। जाहिर है कम्युनिटी स्प्रेड के कारण मामलों में वृद्धि हुई है।
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देश में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट सामुदायिक प्रसारण यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के चरण में
भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium, INSACOG) ने रविवार को अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि देश में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट सामुदायिक प्रसारण यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के चरण में है। यह कई महानगरों में प्रभावी हो गया है जहां संक्रमण के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इंसाकोग) ने कहा कि देश में ओमिक्रोन के सब-वैरिएंट बीए.2 की कुछ हिस्सों में मौजूदगी मिली है।