Khaskhabar/भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) ने कहा है कि उसने अफगानिस्तान के छात्रों के वीजा विस्तार का अनुरोध गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है। आइसीसीआर अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के कारण भारत में पढ़ रहे छात्र अपने वतन वापस नहीं जाना चाहते हैं।

छात्रवृत्ति को रोकने की कोई योजना नहीं
इसको देखते हुए हमने केंद्रीय गृह मंत्रालय को उनका अनुरोध भेजा है। वहीं अफगान छात्रों की छात्रवृत्ति को लेकर भी सहस्त्रबुद्धे ने स्पष्ट रूप से कहा कि इसे रोकने की कोई योजना नहीं है। हमारे पास न तो कोई निर्देश है और न ही इसे रोकने या इसे कम करने की कोई योजना है।
भारतीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले चुके अफगानी छात्र जारी रखना चाहते आगे भी पढ़ाई
सहस्त्रबुद्धे ने नव नालंदा महाविहार (एनएनएम) में इस साल के अंत में होने वाले पहले विश्व बौद्ध सम्मेलन की घोषणा भी की। आइसीसीआर अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले चुके अफगानी छात्र आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के साथ पड़ोसी देश के कई छात्रों ने भारत में अपने वीजा के विस्तार के लिए अनुरोध किया है। वे अपने वतन वापस जाने के इच्छुक नहीं हैं।
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सम्मेलन में बौद्ध अध्ययन के लिए 20 हजार डालर (लगभग 15 लाख रुपये) का नकद पुरस्कार दिया
विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि जिन अफगान छात्र को भारतीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश मिल गया है, लेकिन यहां आने में असमर्थ हैं, वे आनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि, इस स्थिति में उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलेगा।आइसीसीआर अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन में बौद्ध अध्ययन के लिए 20 हजार डालर (लगभग 15 लाख रुपये) का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। सम्मेलन के लिए धर्मशाला सहित देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।