Khaskhabar/आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण ‘आकाश प्राइम’ का सोमवार को ओडिशा के तट चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल ने सुधार के बाद अपने पहले उड़ान परीक्षण में दुश्मन के विमानों की नकल करते हुए एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को रोका और उन्हें नष्ट कर दिया। यह जानकारी डीआरडीओ ने दी।

मिसाइल की लंबाई 560 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई 35 सेंटीमीटर
इस मिसाइल का भारतीय वायु सेना द्वारा दुश्मन के हवाई हमले से निपटने में प्रयोग किया जाएगा। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने तैयार किया है। इस मिसाइल की लंबाई 560 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई 35 सेंटीमीटर है। यह मिसाइल 60 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है। आकाश मिसाइल पूरी तरह से गतिशील है और वाहनों के चलते काफिले की रक्षा करने में सक्षम है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ तथा अंतरिम परीक्षण
ऐसे में यदि यह कहा जाए तो असंभव नहीं होगा कि आज के समय की मांग को देखते हुए यह मिसाइल पूरी तरह सक्षम है। परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।
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मिसाइल को रक्षा भूमिका में भी टेस्ट किया जा चुका
इस मिसाइल के लॉन्च प्लेटफार्म को दोनों पहियों और ट्रक वाहनों के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि आकाश प्राइम सिस्टम को मुख्य रूप से एक हवाई रक्षा (सतह से हवा) के रूप में बनाया गया है। इस मिसाइल को रक्षा भूमिका में भी टेस्ट किया जा चुका है। इस मिसाइल में कई अत्याधुनिक साजो सामान जोड़े गए हैं तथा अत्याधुनिक साजो सामान से यह मिसाइल लैस है।