Khaskhabar/सीएम योगी का बड़ा फैसला, यूपी सरकार बरसों पुराने व अनुपयोगी कानून खत्म करने जा रही है। इसमें 100 साल पुराने नियम कानून शामिल हैं। इससे कारोबार करने वाले अपने उद्यमी अपना उद्योग जल्द लगा सकेंगे और उन्हें नियमों के जंजाल से मुक्ति मिलेगी। आम जनता को भी नियम-कानून कम होने से राहत मिलेगी।

इसके लिए संबंधित विभाग अपने यहां इस तरह के मामलों की समीक्षा कर खुद ही बता रहें कि फलां कानून को रखा जाए या खत्म किया जाए। या इन्हें दूसरे संबंधित अधिनियम में शामिल कर लिया जाए। यह सारी कवायद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के निर्देश पर की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह काम करने का जिम्मा औद्योगिक विकास विभाग को दिया है।

इन कानून की उपयोगिता की हो रही जांच परख
इंडियन फारेस्ट यूपी रूल 1964, यूपी कलेक्शन एंड डिस्पोजल आफ डि्रफ्ट एंड स्टैंडर्ड वुड एण्ड टिंबर रूल्स, यूपी कंट्रोल आफ सप्लाई डिस्ट्रब्यूशन एंड मूवमेंट आफ फ्रूट प्लांटस आर्डर-1975, यूपी फारेस्ट टिंबर एंड ट्रांजिट आन यमुना, टन व पबर नदी रूल्स 1963, यूपी प्रोडयूस कंट्रोल ,यूपी प्रोविंसेस प्राइवेट फारेस्ट एक्ट।
1920 का कानून भी बरकरार
इसी तरह यूपी रूल्स रेगुलेटिंग द ट्रांसपोर्ट टिंबर इन कुमाऊं सिविल डिवीजन -1920 कानून को बने सौ साल हो गए। 20 वर्ष पहले तो कुमाऊं क्षेत्र समेत पूरा उत्तराखंड अलग राज्य बन गया। वन विभाग का यह नियम अभी उत्तर प्रदेश में बरकरार है। इतना ही नहीं 82 वर्ष पुराना यूपी रूल्स रेगुलेटिंग ट्रांजिट आफ टिंबर आन द रिवर गंगा एबब गढ़मुक्तेश्वर इन मेरठ डिस्ट्रिक एंड आन इटस ट्रिब्यूटेरिस इन इंडियन टेरिटेरी एबब ऋषिकेश- 1938 का नाम ही इतना लंबा है और उपयोगिता न के बराकर है।
सीएम योगी:आवश्यक वस्तुओं से जुड़े चार कानून होंगे एक
खाद्य एवं रसद विभाग में भी कई इसी तरह के एक्ट व नियमावली हैं। कई तो एक जैसे हैं। मसलन, यूपी इशेंसियल कॉमोडिटीज से जुड़े चार नियम हैं। इनको एक किया जा सकता है। यूपी शिड्यूल्ड कॉमोडिटीज से जुड़े चार आदेश हैं। इनको भी विलय किया जा सकता है। यूपी कैरोसीन कंट्रोल आर्डर 1962, यूपी सेल्स आफ मोटर स्पि्ट , डीजल आयल, एंड अल्कोहल टैक्सेशन एक्ट के तहत होने वाला काम कुछ विभाग दूसरे विभाग के जिम्मे है। औद्योगिक विकास विभाग ने विभागों से पूछा था कि नियम वर्तमान में लागू है या नहीं। क्या इसे खत्म किया जा सकता है या किसी अन्य कानून अधिनियम में विलय किया जा सकता है। एक दर्जन विभागों ने जवाब भेज दिया है। माना जा रहा है कि करीब 50 से ज्यादा कानून खत्म हो जाएंगे।
और ज्यादा खबरे पढ़ने और जाने के लिए ,अब आप हमे सोशल मीडिया पर भी फॉलो कर सकते है –
ट्विटर पर फॉलो करने के लिए टाइप करे – @khas_khabar एवं न्यूज़ पढ़ने के लिए #khas_khabar फेसबुक पर फॉलो करने के लाइव आप हमारे पेज @socialkhabarlive को फॉलो कर सकते है |