नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत आज सबसे बड़ी घोषणा कर दी है। देश में अब रक्षा उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 101 रक्षा उपकरणों के आयत पर रोक लगा दी गयी है जिसमे छोटी बंदूकों से लेकर कई मिसाइल्स भी शामिल है। इसका उद्देश्य है की देश की डिफेंस इंडस्ट्री को सक्षम बनाना और भविष्य में रक्षा उत्पादों को लेकर आत्मनिर्भरता। डिफेन्स मिनिस्ट्री ने कल इस लिस्ट को जारी किया जिसमे 101 वस्तुए शामिल है और इस लिस्ट को इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और मल्टी स्टेकहोल्डर्स के साथ कई दौर की बातचीत के बाद मंज़ूरी दी गयी।

मंत्रालय ने कैपिटल प्रोक्योरमेंट बजट को अंतररिक समिति की शिफारिश के बाद घरेलु और विदेशी प्रोक्योरमेंट फण्ड में बांट दिया था। जिसके बाद चालू वित्त वर्ष में ही घरेलू कैपिटल खरीद के लिए 52000 करोड़ का अलग से बजट बनाया गया था। लेकिन अब 101 रक्षा उपकरणों के आयत पर प्रतिबन्ध के चलते अनुमान है की अगले पांच से सात वर्षो में ये 4 लाख करोड़ के पार पहुंच जायेगा जिसमे सेना और वायुसेना के साथ नौसेना के लिए भी उपकरण खरीदे जायेगे।
आइए देखते हैं कौन से वे अहम उपकरण हैं जिनके आयात पर रोक लगाई जाएगी-
हाईटेक हथियार जैसे आर्टिलरी गन्स
असॉल्ट राइफलें,
कोरवेट्स,
सोनार सिस्टम
परिवहन विमान
हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच)
रडार समेत रक्षा सेवाओं की कई अन्य जरूरी वस्तुएं
पहियों वाले बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी),
पनडुब्बियां
टोएड आर्टिलरी बंदूकें
कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें
क्रूज मिसाइलें
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली
अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत
फ्लोटिंग डॉक
पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर
कम दूरी के समुद्री टोही विमान
हल्के रॉकेट लॉन्चर
मल्टी बैरल रॉकेट लांचर
मिसाइल डेस्ट्रॉयर
रॉकेट
दृश्यता की सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें अस्त्र-एमके 1
जहाजों पर लगने वाली मध्यम श्रेणी की बंदूकें
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अगले पांच साल में सेना करेगी 130 अरब डॉलर की खरीद
राजनाथ सिंह सिंह की घोषणा रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद नीति के मसौदे के एक सप्ताह के बाद सामने आयी है। मसौदे में रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक रक्षा विनिर्माण में 1.75 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) के कारोबार का अनुमान लगाया है। भारत शीर्ष वैश्विक रक्षा कंपनियों के लिये सबसे आकर्षक बाजारों में से एक है। भारत पिछले आठ वर्षों से सैन्य हार्डवेयर के शीर्ष तीन आयातकों में शामिल है। अनुमान के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बल अगले पांच वर्षों में 130 अरब डॉलर की खरीद करने वाले हैं।
नौसेना करीब 42 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह ऐसी पनडुब्बियों के अनुबंध दे सकती है। वायु सेना के लिये हल्के लड़ाकू विमान एमके 1ए को सूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया है, जिनके लिये अमल की सांकेतिक तारीख दिसंबर 2020 होगी। वायु सेना के द्वारा 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत पर 123 ऐसे विमानों के अनुबंध दिये जाने के अनुमान हैं।’
कब से लागू होंगे प्रतिबंध?
एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार, 69 वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2020 से लागू होगा, जबकि अन्य 11 वस्तुओं पर प्रतिबंध दिसंबर 2021 से लागू होगा। दिसंबर 2022 से आयात प्रतिबंधों के लिये चार वस्तुओं की एक अलग सूची की पहचान की गयी है, जबकि आठ वस्तुओं के दो अलग-अलग खंडों पर प्रतिबंध दिसंबर 2023 और दिसंबर 2024 से लागू होगा। लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2025 से लागू होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि संबंधित पक्षों के साथ परामर्श के आधार पर आगे भी ऐसे सामानों की सूची बनायी जाएगी, जिनके आयात पर रोक लगाने की जरूरत होगी।
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