भारतीय रेल में निजीकरण को लेकर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत होने वाले फायदों को गिनाया। अमिताभ कांत ने कहा कि यह देश में पहली बार ऐसा हुआ है जब भारतीय रेल के इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके प्राइवेट कंपनी मॉडर्न टेक्नॉलजी वाली ट्रेन चलाएंगी।

यह भारतीय रेलवे के साथ-साथ निवेशकों के लिए भी एक बड़ी जीत है। इसके साथ ही कांत ने कहा कि क्वॉलिटी ट्रेन सेवाएं, नई तकनीक और वैल्यू एडेड सेवाएं यूजर्स के अनुभव को बढ़ाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम 109 रेलमार्गों को देख रहे हैं, जिसके लिए 151 ट्रेनों की आवश्यकता है, जिन्हें 12 समूहों में विभाजित किया गया है। इसके लिए हम पारदर्शी तरीके से बोली प्रक्रिया का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस निजी क्षेत्र का निवेश हम देख रहे हैं, वह लगभग 30,000 करोड़ रुपये का है।
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इस दौरान रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि मार्च 24 तक हाई डेंसिटी रुट्स पर डबलिंग, ट्रिपलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गांधी नगर और हबीबगंज स्टेशन दिसंबर 2020 तक दुबारा से बना लिए जाएगें।
वहीं, दूसरी ओर कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लंबे समय से बंद रेल यात्रा को अब धीरे-धीरे पटरी पर लाया जा रहा है। यात्रियों की जबर्दस्त मांग के मद्देनजर भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कुछ खास रेल मार्गो के लिए 40 और ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। इसमें से 19 जोड़ी स्पेशल क्लोन ट्रेनें (Clone Trains) होंगी, जबकि एक जोड़ी जन शताब्दी ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों का संचालन आगामी सोमवार यानी 21 सितंबर से शुरू होगा। रेलवे के मुताबिक 21 सितंबर से चलने वाली 20 जोड़ी क्लोन ट्रेनों में से अधिकांश बिहार जाने वाली और वहां से वापस आने वाली हैं।
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