Khaskhabar/पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) के निधन से पूरा देश ग़मगीन। तबीयत रविवार की तुलना में सोमवार को और बिगड़ गई। उनकी स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट दर्ज की जा रही थी। इसके साथ ही सैन्य अस्पताल का कहना है कि प्रणब मुखर्जी उस समय फेफड़ों के इंफेक्शन के कारण सेप्टिक शॉक में थे। उनका इलाज लगातार वेंटिलेटर पर चल रहा था। वह गहन कोमा में थे।

दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में भर्ती प्रणब मुखर्जी के हेल्थ बुलेटिन में अस्पताल ने कहा कि उनकी देखरेख स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम कर रही थी जबकि उनकी हालत और बिगड़ने के साथ ही कुछ देर पहले उनका निधन हो गया।
बता दें कि प्रणब मुखर्जी ने 10 अगस्त को ट्वीट कर खुद के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था, ‘अन्य कारणों से अस्पताल गया था जहां पर आज कोविड-19 जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हुई। मैं अनुरोध करता हूं कि जो लोग भी गत एक हफ्ते में मेरे संपर्क में आए हैं, वे खुद पृथक-वास में चले जाएं और कोविड-19 की जांच कराए।’
प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे।रविवार को मिली जानकारी में बताया जा रहा था कि प्रणब मुखर्जी का फेफड़े के इंफेक्शन का इलाज चल रहा है। वह हीमोडायनेमिकली स्थिर हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। उनका इलाज लगातार वेंटिलेटर पर हो रहा है। वह अभी भी गहरे कोमा में हैं।
जिसके बाद कुछ ही देर पहले यह खबर मिली है की पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी इस दुनिया को अलविदा कर चुके है। जो की वेहद ही दुखद समाचार है ,खबर मिलने के बाद से ही पूरा देश सदमे में है।प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देश के दिग्गज नेता को श्रद्धांजलि दी |