KhasKhabar|चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही ने पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि जोखिम और चुनौतियों का मिलकर सामना करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग उच्चतर स्तर का होना चाहिए। बता दें कि वेई ने सोमवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की और रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए एक समझौते पर दस्तखत किए।

चीनी रक्षा मंत्रालय ने वेई के हवाले से जारी बयान में नए समझौते (एमओयू) के बारे में कुछ नहीं कहा। दोनों ही देश विरले ही रक्षा समझौतों को सार्वजनिक करते हैं। चीन पाकिस्तान के लिए एक बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता है, जो लड़ाकू विमान से लेकर नौसैनिक युद्धपोत तथा अन्य अहम हथियार उपलब्ध कराता है।
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वेई ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी तथा प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मुलाकात की। अल्वी ने चीन को पाकिस्तान का एक अच्छा दोस्त बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच पारंपरिक मित्रता और आपसी विश्वास का लंबा इतिहास है। बता दें कि पाकिस्तान साउथ चाइना सी, ताइवान, शिनजियांग, तिब्बत तथा अन्य मुद्दों पर चीन के नजरिये का दृढ़ता से समर्थन करता है।

पीएलए डेली ने अल्वी को उद्धृत करते हुए कहा है, ‘हम उम्मीद करते हैं कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) के निर्माण के साथ ही रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत होगा।’ वहीं, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौर में चीनी रक्षा मंत्री का यह दौरा काफी अहम है, जो यह दर्शाता है कि चीन पाकिस्तान सरकार तथा सेना का मजबूती से समर्थन करता है।
चीन बोला- भारत से सकारात्मक संकेत
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने कहा है हाल की एससीओ बैठक के निष्कर्षों को अमल में लाने पर विचार किया गया। कोविड-19, व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की भी बात हुई। इस महीने की शुरुआत में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ की शिखर बैठक में शामिल हुए थे। इस वर्चुअल बैठक की मेजबानी रूस ने की थी। हुआ ने सोमवार की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है। कई सकारात्मक संकेत मिले हैं। कोविड-19 के खिलाफ जंग में एकजुटता नजर आई। सभी ने शंघाई सहयोग संगठन की भावना को बरकरार रखने पर सहमति जताई।
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