Khaskhabar/शहर केे कुंजवानी इलाके से कुछ दिन पहले दबोचे गए जैश-ए-मुस्तफा कमांडर हिदायतुल्ला मलिक ने पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा किया है। आतंकी कमांडर ने बताया कि उनके निशाने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल थे।जैश के निशाने पर थे एनएसए अजीत डोभाल, हिदायतुल्ला ने ही की थी एनएसए-सीआइएसएफ कार्यालय की रैकी. अपने इस मिशन को अंजाम देने के लिए वह वर्ष 2019 में स्वयं दिल्ली गया था, जहां उसने एनएसए और सीआइएसएफ कार्यालय की रैकी की थी।

दिल्ली पहुंचने पर उसे पाकिस्तान बैठे अपने आकाओं से सरदार पटेल भवन व राजधानी के अन्य महत्वपूर्ण जगहों की रैकी करने के भी निर्देश मिले, जिसके बाद उसने एनएसए-सीआइएसएफ कार्यालय के अलावा उन जगहों की वीडियोग्राफी की और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को व्हाट्सअप के माध्यम से भेज दी।
सर्जिकल स्ट्राइक में भी डोभाल ने महत्वूपर्ण भूमिका निभाई
इसके बाद वर्ष 2016 में उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में हुई बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में भी डोभाल ने महत्वूपर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद ही वह आतंकी संगठनों के निशाने परआ गए थे। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी सुरक्षा को कड़ा किया हुआ है। आतंकी कमांडर के इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों और गृह मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है। पाकिस्तान में जिस आका को हिदायतुल्ला ने वीडियो भेजा था, वह उसे डॉक्टर के नाम से जानता है। उसने पुलिस को पाकिस्तान में बैठे अपने दस आकाओं के फोन नंबर भी दिए हैं। जिन्हें पुलिस ने जांच के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिए हैं।
संयुक्त निदेशक रहते हुए डोभाल ने वर्ष 1994 में मसूद अजहर को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ
आपको बता दें कि NSA डोभाल की जैश प्रमुख मसूद अजहर के साथ ठनी हुई है। दरअसल इंटेलिजेंस ब्यूरो का संयुक्त निदेशक रहते हुए डोभाल ने वर्ष 1994 में मसूद अजहर को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की थी। जबकि बाद में 1999 में आतंकियों ने एयर इंडिया के विमान का अपहरण कर यात्रियों के बदले मसूद अजहर की रिहाई करवाई थी। उस समय मसूद को छोड़ने के लिए एनएसए अजीत डोभाल भी कंधार गए थे।
एनएसए व सीआइएसएफ कार्यालय की वीडियो ग्राफी की
हिदायतुल्ला ने बताया कि श्रीनगर से वह दिल्ली इंडिगो विमान से 24 मई 2019 को गया था। जहां उसने एनएसए व सीआइएसएफ कार्यालय की वीडियो ग्राफी की। इसके बाद वह बस से वापस जम्मू पहुंचा। यहां पहुंचकर उसने अपने एक साथ समीर अहमद डार के साथ सांबा सीमांत इलाकों की रैकी की। समीर अहमद पुलवामा हमले में भी शामिल था। उसी मामले में 21 जनवरी 2020 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। रैकी के दौरान की गई वीडियोग्राफी उसने बाद में व्हाट्सअप के जरिए पाकिस्तान में अपने संगठन के आकाओं तक पहुंचाए।
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पूछताछ में मलिक ने कबूला
पुलिस पूछताछ में मलिक ने कबूला कि 31 जुलाई 2019 में वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। उस दौरान वह ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करता था। फरवरी 2020 में वह जैश का सदस्य बना और अगस्त महीने में उसने अपना संगठन जैश-ए-मुस्तफा खड़ा कर दिया।
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