नई दिल्ली | पिछले दिनों गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प के बाद वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के भारतीय वेटलिफ्टरों ने भी चीन की कंपनियों के इक्विपमेंट का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया है।
और वही दूसरी तरफ वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने चीन से आने वाले खेल सामानो को घटिया बताया है और चीनी सामानो को बायकाट करने की बात भी कही है| फेडरेशन ने टोक्यो ओलिंपिक में इस्तेमाल होने वाले चीन की कंपनी जेडकेसी के वेटलिफ्टिंग सेटों को भी नहीं खरीदने का फैसला किया है।

भारतीय कपंनियों और अन्य देशों के मंगाएंगे नए सेट
फेडरेशन ने बताया की उन्होंने पिछले साल चीन की कंपनी “जकडेसी” से चार सेट मगाये थे और ख़राब क्वालिटी के चले उनका इस्तेमाल नहीं हो सका इसके चलते फेडरेशन चीन के सामन को बायकाट कर रही है| फेडरेशन ने इसकी जानकारी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को दे दी है जिसके बाद अब भारतीय कंपनी एवं अन्य देशो से वेटलिफ्टिंग सेट को ख़रीदा जायेगा|
बीसीसीआई ने रिव्यू के लिए बुलाई है मीटिंग
बोर्ड ऑफ़ क्रिकेट कॉउन्सिलऑफ़ इंडिया के कई चीनी कम्पनियो के साथ करार है जैसे वीवो, ओप्पो, अलीबाबा एवं बाइजु जैसे अप्प भी शामिल है |वीवो आईपीएल की टॉप स्पोंसर है और वो इसके लिए 440 करोड़ रूपए BCCI को देती है और यह करार 2022 तक का है।लेकिन फिलाल BCCI के कोषाध्यक्ष ने चीनी कंपनियों के साथ हुए करार के रिव्यू को लेकर अगले हफ्ते गवर्निंग काउंसिल की बैठक बुलाई है |
खिलाड़ियों ने भी चीन के सामानों का बॉयकॉट किया
राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने मीडिया को बताया कि शिविर के सभी वेटलिफ्टर ऑनलाइन सामान खरीदते समय यह ध्यान रख रहे हैं कि यह सामन चीन की कंपनी का तो नहीं है। यही नहीं खिलाड़ी चीनी ऐप टिक टॉक का भी बॉयकॉट कर रहे हैं और इसके किये सबको प्रेरित भी कर रहे है |
और देखे – कानपुर के राजकीय बालिका संरक्षक गृह में 57 बालिका कोरोना संक्रमित, उनमे से 7 है गर्भवती