भारत की गतिविधियां एक बार फिर उछाल आ रही है ,कृषि से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग एवं सेवा क्षेत्र की सभी गतिविधियां तेज हो गई हैं| इस साल मई में 8.98 लाख करोड़ के ई-वे बिल जेनरेट हुए जबकि इस साल अप्रैल में मात्र 3.9 लाख करोड़ के ई-वे बिल जेनरेट हुए |वही बिल के मूल्य में 130 फीसद की बढ़ोत्तरी भी इस बात के संकेत दे रही है|

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई माह में पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में इस साल अप्रैल के मुकाबले 47 फीसद की बढ़ोत्तरी रही।उनका कहना है कि लॉकडाउन के साथ ही लोगों की जान बचाने के लिए जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बनाई गयी और फिर जान के साथ जहान की रक्षा के लिए आत्मनिर्भर भारत स्कीम के तहत 20.9 लाख करोड़ का जो राहत पैकेज दिए गए हैं, उसका असर अब देश की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है।कृषि समेत सभी अलग अलग छेत्रो मे भी अर्थव्यवस्था ने अब तेजी पकड़ ली है |
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले बिजली की खपत में होने वाली गिरावट भी कम होती जा रही है। इस साल अप्रैल में बिजली की खपत में पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 24 फीसद काम थी|
वही इस साल 16 जून तक 382 लाख टन की गेहूं की रिकार्ड खरीदारी की गई।जिससे 42 लाख किसानों को फायदा पंहुचा है|उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 73,500 करोड़ रुपए दिए गए। वही इस साल अप्रैल में 6.54 करोड़ टन माल की ढुलाई की गई थी| जून के पहले तीन सप्ताह में ही 49.8 करोड़ रुपए का टोल कलेक्शन हो चुका है।जो अनुमान से काफी हद तक ज्यादा है
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