KhasKhabar|जूही इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) में डेढ़ दशक से कंटेनर में बंद मिसाइलें डिफ्यूज करने के लिए प्रशासन पीएसी की मदद लेने जा रहा है। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि यह कार्य सिर्फ सेना के विशेषज्ञ कर सकते हैं। पुलिस का बम स्क्वाड इस मामले में पहले ही हाथ खड़े कर चुका है। कानपुर नगर के जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने कहा कि इन मिसाइलों को डिफ्यूज कराने के लिए जो भी प्रॉपर एजेंसी है, उसका सहयोग लिया जाएगा। अभी पीएसी को बुलाया गया है।

24 जनवरी, 2005 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आईसीडी में आए कबाड़ में सात जीवित, 70 मिसफायर मिसाइलें आ गई थीं। पुलिस के बम डिस्पोजल दस्ते ने इन्हें डिफ्यूज करने में असमर्थता जताते हुए एक कंटेनर में पैक कर दिया था। डेढ़ दशक में कई स्तर पर वार्ता होने के बाद आखिर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने 15 सितंबर तक मिसाइलें डिफ्यूज करने के आदेश दिए हैं। इसे लेकर प्रशासन ने सीओ एलआइयू से रिपोर्ट मांगी। एलआइयू की टीम ने कंटेनर डिपो का निरीक्षण किया।
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इसी आधार पर सीओ एलआइयू ने पीएसी से इसे निष्क्रिय कराने की संस्तुति की। प्रशासन ने भी पीएसी को इन्हें डिफ्यूज करने के लिए कहा है, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि मिसाइलें युद्ध में इस्तेमाल होती हैं और सेना के विशेषज्ञ ही इनके बारे में जानते हैं। पीएसी बम तो डिफ्यूज करती है लेकिन मिसाइल से उसका सामना नहीं होता, इसलिए पीएसी के लिए यह आसान नहीं होगा। पीएसी मिसाइलें देखने के बाद इस पर अपनी रिपोर्ट देगी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर सेना मुख्यालय से विशेषज्ञ भेजने की संस्तुति कर पत्र भेजा जाएगा।

कस्टम उपायुक्त जूही इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी)सीएन मिश्रा ने कहा कि एलआइयू टीम ने कंटेनर डिपो का निरीक्षण किया है। उन्होंने पीएसी से मिसाइल डिफ्यूज कराने की संस्तुति की है। कानपुर नगर के जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने कहा कि इन मिसाइलों को डिफ्यूज कराने के लिए जो भी प्रॉपर एजेंसी है, उसका सहयोग लिया जाएगा। अभी पीएसी को बुलाया गया है।
बता दें कि चार अगस्त को बेरुत में विस्फोट के बाद यूपी, उत्तराखंड के सीमा शुल्क आयुक्त वीपी शुक्ला ने 13 अगस्त को अपर मुख्य सचिव को को पत्र लिखा और मामले की गंभीरता को समझाया। घनी आबादी के बीच आईसीडी में जीवित मिसाइल होने की जानकारी पर अपर मुख्य सचिव ने 19 अगस्त को कानपुर के डीएम को पत्र लिख 15 सितंबर तक इन्हें डिफ्यूज करने के निर्देश दिए हैं।
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