Khaskhabar/करवा चौथ के दिन महिलाएं बड़ी ही श्रद्धा भाव से शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश जी की पूजा करती है। करवा चौथ का पावन व्रत प्रतिवर्ष कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है।चतुर्थी गणेशजी की तिथि है और इस दिन बुधवार होने के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग भी रहेगा। ऐसा संयोग बहुत कम आता है। यह संयोग महिलाओं की मनोकामनाएं पूरी करने में शुभ रहेगा। विवाहिताएं पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए यह व्रत करेंगी। विधि-विधान से माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करेंगी। करवा चौथ की कथा सुनेंगीं।

फिर रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खुलेंगी। ज्योतिषाचार्य सुगन नागर ने बताया कि चंद्रमा को आयु,सुख और शांति कारक माना गया है। इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है। पति की आयु भी लंबी होती है। ज्योतिष रत्न आचार्य नागर ने कहा कि करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है।
इस दिन बुध के साथ सूर्य ग्रह भी विद्यमान होंगे। जिससे बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है। शिवयोग के साथ ही सर्वार्थसिद्धि, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सौख्य योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. मुकेश मिश्र के मुताबिक इस दिन चंद्रमा भी वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में संचार करेगा। ऐसे दुर्लभ संयोग कई वर्षों के बाद देखने को मिल रहे हैं। सुहागिनों के लिए इस बार करवाचौथ का व्रत-पूजन हजारों गुना शुभ फलदायक होगा। दरअसल यह व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। सुहागिनें इस दिन प्रात: काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सरगी खाकर व्रत आरंभ करती हैं। पूरे दिन निर्जल निराहार रहकर रात को चंद्रमा देखकर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करती हैं।

मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्या ने भी इस व्रत को करती हैं। करवा चौथ का विशेष मंत्र
रात के समय चंद्रमा को जल अर्पण के दौरान यह मंत्र जाप करना चाहिए। मंत्र है- सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम, मम पूर्वकृतं पापं औषधीश क्षमस्व मे. जिसका मतलब है मन को शीतलता पहुंचाने वाले, सौम्य स्वभाव वाले ब्राह्मणों मे श्रेष्ठ, सभी मंत्रों एवं औषधियों के स्वामी चंद्रमा मेरे द्वारा पूर्व के जन्मों मे किए गए पापों को क्षमा करें। मेरे परिवार मे सुख शांति का वास हो।

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त
संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर (बुधवार) को शाम चार बजकर 34 मिनट से शाम आठ बजे तक। कहा जा रहा है कि चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट के बाद होगा।करवा चौथ पूजा मुहूर्त बुधवार को शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक है। चंद्रोदय रात 8 बजकर 16 मिनट पर है।
बाजार में खरीदारी के लिए भी जुटी महिलाएं
पहली बार करवा चौथ व्रत करने वाली नवविवाहिताओं में विशेष उत्साह बना हुआ है। वह घर की बुजुर्ग महिलाओं मां, सास, ननंद आदि से घर की परंपरानुसार इस व्रत को करने का विधि विधान समझ रही हैं। कहा जाता है कि इस दिन महिलाओं को सोलह शृंगार करके ही पूजा में शामिल होना चाहिए। यही वजह है कि महिलाएं इन दिनों बाजारों में सोलह श्रृंगार के सामान खरीदने में जुटी हुई हैं।
और ज्यादा खबरे पढ़ने और जाने के लिए ,अब आप हमे सोशल मीडिया पर भी फॉलो कर सकते है –
ट्विटर पर फॉलो करने के लिए टाइप करे –@khas_khabarएवं न्यूज़ पढ़ने के लिए#khas_khabarफेसबुक पर फॉलो करने के लाइव आप हमारे पेज@socialkhabarliveको फॉलो कर सकते है |