Khaskhabar/असम में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही राज्य में बीजेपी को झटका लगा है. असम की प्रमुख क्षेत्रिय पार्टी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट(बीपीएफ) ने एलान किया है कि वो आगामी चुनावों में भाजपा के साथ नहीं जायेगी. पार्टी ने बीजेपी के साथ सभी संबंधों को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही अब बीपीएफ राज्य में कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल हो गया है.

बीपीएफ देख रहा है कि हवा का रुख किस तरफ
उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएफ का अब किसी भी तरह से भाजपा के साथ दोस्ताना संबंध नहीं रहेगा। कांग्रेस के प्रचार समिति के चेयरमैन प्रद्युत बोर्दोलोई ने कहा कि असम बसाओ अशोक यात्रा का राज्य में गहरा प्रभाव पड़ा है। बीपीएफ देख रहा है कि हवा का रुख किस तरफ है। कांग्रेस सत्ता में आ रही है और हमें बीपीएफ का पार्टनर बनने पर गर्व है।
बीपीएफ ने 17 सीटों पर की थी जीत हासिल
राज्य में हाल ही में बीजेपी, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल और गण शक्ति पार्टी ने नयी बीटीसी (Bodoland Territorial Council) का गठन किया है. हाल ही में हुए (Bodoland Territorial Council election) में बीपीएफ ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि बीजेपी ने 9 और यूपीपीएल ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी.
प्रमोद बोडो की अगुवाई में बनी नयी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी
हालांकि बीपीएफ के अध्यक्ष हागरामा मोलिहारी के ट्वीट से पहले राज्य में भाजपा की अगुवाई वाली नॉर्थ इस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के साथ गठबंधन रखने का कोई इरादा नहीं रखती है. बीजेपी ने घोषणा की थी कि सत्तारूढ़ पार्टी ने पूर्व बोडो छात्र नेता और बोडोलैंड क्षेत्रिय परिषद के बीटीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोडो की अगुवाई में बनी नयी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के साथ गठबंधन कर लिया है.
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विधानसभा चुनाव में महाजाथ के साथ हाथ मिलाने का फैसला
बीपीएफ के अध्यक्ष हागरामा मोलिहारी ने ट्वीट कर कहा कि शांति एकता और विकास को लेकर काम करने के लिए बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने असम में होने वाले विधानसभा चुनाव में महाजाथ के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है. अब हम बीजेपी के साथ दोस्ती या गठबंधन नहीं करेंगे. बता दें कि पिछले बार 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में बीपीएफ ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी. पार्टी ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था और चुनाव में उसे 3.9 फीसदी वोट मिले थे.
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