KhasKhabar|अमेरिका ने मालदीव के साथ फ्रेमवर्क फॉर डिफेन्स कारपोरेशन समझौता का करार किया है जिसके तहत अमेरिका और मालदीव के बीच सैन्य सहायता बढ़ेगी। इस समझौते के तहत मालदीव और अमेरिका दोनों मिलके इंडियन ओसियन में शांति और स्थिरता कायम करेंगे। पेंटागन के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रम्प इंडियन ओसियन में बढ़ती चीनी ताकत को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा देशो के साथ रक्षा समझौता करने के और देख रहे है।

रक्षा और सुरक्षा समझौता को अमेरिका के फ़िलेडैल्फ़िया में अमेरिका के 10 सितम्बर को अमेरिका के डिफेन्स सेक्येटरी ऑफ़ साउथ और मालदीव के डिफेन्स मिनिस्टर मरिया दीदी ने शाइन किया। इस समझौते के तहत अमेरिका के नौसैनिक जहाजों को किसी भी मदद के लिए मालदीव के बदरगाहो और सैन्य अड्डों का उपयोग करने को मिलेगा और अमेरिका इसके जरिये श्रीलंका के हम्बनटोटा पोर्ट पर हो रही चीनी गतिविधि पर भी नज़र रख सकेंगे।
यह भी पढ़े — Sonu Sood ने मां सरोज सूद के नाम गरीब बच्चों के लिए किया स्कॉलरशीप का ऐलान
अमेरिका के लिए ये समझौता बेहद एहम था क्योकि इससे अमेरिका को देओगो गार्सीअ मिलिट्री बेस पर भी काफी मदद मिलेगी और मालदीव के आस पास बढ़ते चीनी प्रभाव को काम करने में भी भारत और अमेरिका मिलके काम कर रहे है। इस समझौते के तहत मालदीव ने इंडो पसिफ़िक ओसियन में फ्री पैसेज यानि फ्रीडम ऑफ़ मूवमेंट पर जोर दिया है और इसके तहत मालदीव अमेरिका के साथ चीन के विरोध में खड़ा है।

चीनी नौसेना बहुत तेजी से अपनी सकती में विस्तार कर रही है और इसे देखते हुए अमेरिका इंडियन ओसियन रीजन में अपनी पकड़ बनाये रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा देशो के साथ सैन्य समझौता कर रहा है ताकि जरुरत पड़ने पर सभी सेनाएं एक साथ चीन से मुकाबला कर सके।
और ज्यादा खबरे पढ़ने और जाने के लिए ,अब आप हमे सोशल मीडिया पर भी फॉलो कर सकते है –
ट्विटर पर फॉलो करने के लिए टाइप करे – @khas_khabar एवं न्यूज़ पढ़ने के लिए #khas_khabar
फेसबुक पर फॉलो करने के लाइव आप हमारे पेज @socialkhabarlive को फॉलो कर सकते है|